नक्सली हमला: बस्तर के एसपी सस्पेंड, आइजी का ट्रांसफर

maoist-attack-chhattisgarh-government-suspends-bastar-sp-transfers-ig-dgpरायपुर। हमले के चार दिन बाद भाजपा के आला नेता बस्तर जाएंगे। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अरूण जेटली समेत कई बड़े नेता बस्तर जाएंगे और हमले में मारे गए कांग्रेस नेता नंद कुमार के घर रायगढ़ भी जाएंगे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं पर हुए नक्सली हमले के बाद दबाव में आई राज्य सरकार ने आखिरकार बड़े पुलिस अफसरों पर कार्रवाई कर दी। सुरक्षा में चूक के लिए प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार मानते हुए बस्तर के पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, बस्तर आइजी हिमांशु गुप्ता को भी हटा दिया गया है। अजय यादव को बस्तर के पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, जबकि नए आइजी अण देव गौतम होंगे। सुरक्षा में चूक की बात मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कल ही स्वीकार कर ली थी। इसी से संकेत मिला था कि अब पुलिस अफसरों पर गाज गिर सकती है। पहली बार नक्सली हमले में किसी एसपी को सस्पेंड किया गया है। इस फैसले से पहले ही केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।

इससे पहले हमले के तत्काल बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व दूसरे दिन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के रायपुर आने से सरकार जबर्दस्त दबाव में आ गई थी।

जीपी सिंह व काबरा को वीआइपी सुरक्षा की कमान

रायपुर रेंज के आइजी जीपी सिंह और डीआइजी दीपांशु काबरा को वीआइपी सुरक्षा की कमान सौंपी गई है। वीआईपी सुरक्षा का जिम्मा खुद डीजीपी रामनिवास देखेंगे और इस काम में दोनों अफसर सहयोग करेंगे।

माना जा रहा है कि चुनाव और नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। वीआइपी की सुरक्षा के लिए ऐसा कदम उठाने का सुझाव भी केंद्रीय गृह मंत्रलय ने दिया था।

बस्तर के कलेक्टर भी हटाए गए

कांग्रेस नेताओं पर हुए हमले के बाद बस्तर कलेक्टर एलएस केन को भी हटा दिया गया है। अंकित आनंद को बस्तर के नए कलेक्टर बनाया गया है। आनंद अब तक जशपुर कलेक्टर के पद पदस्थ थे। केन को जशपुर कलेक्टर बनाकर भेजा गया है।

सुकमा साजिश का तीन माह में होगा पर्दाफाश

दरभा घाटी नक्सली वारदात की जांच का जिम्मा एनआइए को दिया गया है। यह सबसे अच्छी और बड़ी एजेंसी है। सुकमा वारदात में किसकी साजिश थी, किन-किन लोगों का इसमें हाथ है, राच्य सरकार कितनी गलत थी, जैसे सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करेगी। दो से तीन माह के भीतर इस साजिश और कर्ताधर्ताओं का पर्दाफाश हो जाएगा। वहीं, इस घटना के बाद नैतिकता की बात किससे करें। राच्य सरकार नैतिक होती तो उनसे नैतिकता की बात की जाती। यह बात मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कही। जोगी मंगलवार को पूर्व विधायक उदय मुदलियार के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे थे। मुदलियार निवास पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। जोगी से मिलकर मुदलियार परिवार के सदस्य रोते रहे। जीतू मुदलियार रोते हुए जोगी से लिपट गए। जोगी के यहां से निकलने पर उनसे पत्रकारों ने संक्षिप्त चर्चा की।

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