टूजी मामले में सामने आया सरकार का असली चेहरा

टूजी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए बेस प्राइस 14000 करोड़ रुपये तय किए जाने के बाद भाजपा ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए सोमवार को कहा कि अभी तक स्पेक्ट्रम नीलामी में किसी तरह का नुकसान न होने की बात करने वाले लोगों का वास्तविक चेहरा सामने आ चुका है। पूर्व में सरकार ने यह स्पेक्ट्रम मात्र 1650 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने घोटाले का खुलासा होने के बाद इस नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था।

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने पार्टी की नियमित प्रेस कांफ्रेंस में टूजी स्पेक्ट्रम नीलामी में हुई धांधली में शामिल तत्कालीन संचार मंत्री ए. राजा के कारनामों का उल्लेख करते हुए जीरो नुकसान की बात कहने पर मौजूदा संचार मंत्री कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने जीरो नुकसान की सरकार की थ्योरी को भ्रष्टाचार के बचाव का एक शर्मनाक प्रयास बताते हुए कहा कि सरकार को अब इस पर अपना बयान देना चाहिए।

जावडेकर ने कहा कि ट्राई ने नीलामी के लिए उपलब्ध स्पेक्ट्रम की कीमत 18000 करोड़ रुपये आंकी थी। सरकार ने अब उसकी कीमत 14000 करोड़ रुपये तय की है। ट्राई के पास स्पेक्ट्रम की कीमत तय करने का एक मानक है। सरकार बताए कि उसने किस मानक के आधार पर स्पेक्ट्रम की नई कीमत तय की है। सरकार कीमत तय करने का दायित्व दुबारा क्यों ट्राई को नहीं भेज रही है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नीलामी के समय कंपनियां आपस में मिलकर बोली को प्रभावित न कर सकें, इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, यह भी सरकार को बताना चाहिए।

अन्ना द्वारा टीम अन्ना को भंग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा फैसला लेने का उनका अधिकार है, लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी कोशिश करेगी कि मानसून सत्र में ही सरकार संसद में सशक्त लोकपाल बिल पास कराए।

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