इशरत मुठभेड़ कांड में गृह मंत्रालय भी जांच के घेरे में

28_06_2013-28ishratनई दिल्ली (नीलू रंजन)। इशरत मुठभेड़ मामले की सीबीआइ जांच के समर्थन में हलफनामा बदलना गृह मंत्रालय के लिए मंहगा साबित हो रहा है। एक ओर सीबीआइ खुफिया विभाग के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने पर आमादा है, तो दूसरी ओर उसने सीधे गृह मंत्रालय से मुठभेड़ से संबंधित फाइलें तलब कर ली हैं।

गृह मंत्रालय ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि न तो वह राजेंद्र कुमार के खिलाफ चार्जशीट की अनुमति देगा और न ही सीबीआइ को संबंधित फाइलें सौंपेगा। मंत्रालय इसके लिए सीबीआइ से कानूनी जंग की तैयारी में जुट गया है।

गृह मंत्रालय ने 6 अगस्त, 2009 को गुजरात हाई कोर्ट में दिए हलफनामे में आइबी की रिपोर्ट के आधार पर मुंबई की कॉलेज छात्रा इशरत जहां और उसके साथियों को लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बताकर उनके एनकाउंटर की सीबीआइ जांच का विरोध किया था।

लेकिन, राजनीतिक कारणों से तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम के दबाव में दो महीने के भीतर इस हलफनामे को बदल दिया गया। 29 सितंबर, 2009 को दाखिल दूसरे हलफनामे में गृह मंत्रालय ने आइबी की रिपोर्ट को इशरत और उसके साथियों को लश्कर का आतंकी बताने के लिए नाकाफी बताते हुए एनकाउंटर की सीबीआइ जांच का समर्थन कर दिया था।

अब सीबीआइ हलफनामा बदले जाने की सच्चाई जानने की कोशिश में जुटी है। इस सिलसिले में गृह मंत्रालय की ओर से हलफनामा दाखिल करने वाले तत्कालीन अनुसचिव (अंडर सेक्रेटरी) आरवीएस मणि से दो दिन पहले पूछताछ की जा चुकी है। इसके साथ ही हाई कोर्ट के आदेश पर जांच में सीबीआइ का सहयोग कर रहे गुजरात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा ने गत 21 जून को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इशरत मुठभेड़ से जुड़ी फाइलें सौंपने को कहा है।

अपने अधिकारी की पूछताछ और फाइलें तलब किए जाने से परेशान गृह सचिव आरके सिंह ने बुधवार शाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में 2008 से 2012 तक मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) रहे धर्मेद्र शर्मा को भी बुलाया गया था। बैठक में संबंधित फाइलें सीबीआइ को नहीं सौंपने का फैसला किया गया।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस सिलसिले में जरूरत पड़ने पर कानून मंत्रालय की राय भी ली जा सकती है। इसके साथ ही राजेंद्र कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए मंत्रालय ने सीबीआइ को अनुमति नहीं देने का फैसला किया है।

मंत्रालय के मूड को भांपते हुए सीबीआइ बिना अनुमति के ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं है।

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