मुजफ्फरनगर में हिंसा, 28 जने मारे गए

mujaffarpurमुजफ्फरनगर।। मुजफ्फरनगर में फैली हिंसा से मेरठ और सहारनपुर मंडल के कई हिस्से सांप्रदायिक वारदातों की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश और पूरा जिला सेना के हवाले करने के बाद भी मुजफ्फरनगर रविवार को हिंसा का दौर चलता रहा। इस बीच, बीजेपी विधायक दल के नेता हुकुम सिंह और संगीत सोम के अलावा राकेश और नरेश टिकैत समेत 40 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) अरुण कुमार ने बताया कि नंगला मंदौड़ में प्रतिबंध के बाद हुई पंचायत करने पर मामला दर्ज किया गया है।
राज्यपाल बीएल जोशी ने केंद्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। हर स्तर पर विफलता और लापरवाही के आरोपों के सामना कर रही अखिलेश सरकार ने अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। मरेठ रेंज के आईजी ब्रजभूषण और सहारनपुर के कमिश्नर मंजीत सिंह को हटा दिया गया है। इसके अलावा सहारनपुर के डीआईजी का तबादला कर दिया गया है।
दो दिनों की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 28 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जबकि एडीजे कानून-व्यवस्था 26 मौतों की पुष्टि कर रहे हैं। शनिवार को हिंसा में मुजफ्फरनगर में 10 और मवाना के निलोहा में एक व्‍यक्ति की मौत हो गई थी। रविवार को मुजफ्फरनगर में 14, शामली में दो और बागपत में एक व्यक्ति की जान चली गई। अभी करीब 15 लोग लापता हैं और 50 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। पुलिस ने दूसरे दिन 52 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरनगर के बाद सांप्रदायिक हिंसा ने शामली, बागपत और मेरठ को भी चपेट में ले लिया है। शनिवार को कवाल प्रकरण को लेकर महापंचायत में जा रहे लोगों पर हमले से शुरू हुआ हिंसा का सिलसिला रविवार को भी मुजफ्फरनगर को जलाता रहा। मुजफ्फरनगर में बिगड़ते माहौल के मद्देनजर दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। शहर में कर्फ्यू के बावजूद तीन स्थानों पर पत्थरबाजी के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है। नगर के अलावा देहात के दंगाग्रस्त इलाकों में सेना लगाई गई है। एडीजी रुण कुमार ने हालात सुधरने तक यहां डेरा डाल लिया है।
राज्य सरकार ने भेजी रिपोर्ट
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मुजफ्फरनगर के दंगे और आस-पास के जिलों में फैले तनाव की रिपोर्ट भेजी है। राज्यपाल ने भी प्रदेश के ताजा हालात पर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है। गृह सचिव कमल सक्सेना ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र को मुजफ्फरनगर की स्थिति पर रिपोर्ट दी है। उन्होंने कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है और मौजूदा हालात की जो सूचनाएं बताई जा रही हैं, उसे ही केंद्र सरकार को भी भेजा गया है।
मुलायम ने संभाली कमान
मुजफ्फरनगर और शामली में बिगड़े हालात को संभलने के लिए एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कमान अपने हाथ में ले ली। रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आला अफसरों और पश्चिमी यूपी के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने माहौल बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटने की बात कही। मुलायम ने हालात बिगड़ने में हुई चूक के लिए ऑफिसरों से नाराजगी जताई और कहा कि हर हाल में जल्द से जल्द माहौल सामान्य बनाया जाए। असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रदेश सरकार जिम्मेदार: राज्यपाल
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने मुजफ्फरनगर दंगे में बेकाबू हुए हालात को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने सूबे की बिगड़ी कानून-व्यवस्था की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। राज्यपाल ने माना है कि सूबे में सांप्रदायिक तनाव के लिए प्रदेश सरकार का रवैया जिम्मेदार है और हालात उसके काबू के बाहर दिखाई दे रहे हैं। 27 अगस्त को एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले में मुजफ्फरनगर के कवाल में तीन लोगों की हत्या के करीब 10 दिन बाद से वहां जिस कदर हालात बिगड़े और कई लोगों की मौत हुई, राजभवन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल वहां के हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। राजभवन के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए। साथ ही प्रशासनिक कामकाज का रवैया भी ऐसा रहा, जिससे हालात बिगड़े।

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