साक्षरता की राह तय करता रुम टू रीड का एक सांझा प्रयास

roomइस साल सितंबर, में सैन फ्रांसिस्को, सीए से चार बहादुर दोस्त भारत में 3500 किलोमीटर की यात्रा एक ऑटो रिक्शा में तय कर रहे हैं। दुर्गम सड़कों से होते हुए इन जांबाजों ने शिलॉग से अपनी यात्रा का शुभारंभ किया और जैसलमेर में विजय ध्वज फहरायेंगे। उनकी साहस और जुनून की भावना भारत में बच्चों तक शिक्षा को पहुँचाने की इच्छा के साथ युग्मित है। इस अभियान का नाम भी काफी उपयुक्त है – ‘रीडिंग रिक्शा’। और वो इस यात्रा के माध्यम से साक्षरता के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे और गैर सरकारी संस्थान रूम टू रीड के लिए आर्थिक मदद भी जुटा रहे हैं।

“हम सब के लिए पढ़ाई ने जो अवसर और साहसिक कार्यों के लिए जो दरवाजे खोले है, हम चाहते है कि अधिक से अधिक बच्चों को भी ऐसे अवसर मिले। जब हमने रूम टू रीड के बारे में सुना तो लगा कि बस हमारी तलाश खत्म हो गई।, ” रेनी अलेक्जान्डर , टीम की एक सदस्य कहती हैं।

23 सितम्बर को रीडिंग रिक्शा राजस्थान के अजमेर की पीसागन ब्लॉक में स्थित केन्द्रीय सरकारी प्राइमरी स्कूल ताबजी में रूम टू रीड द्वारा स्थापित की गयी पुस्तकालय में जाएंगे। रूम टू रीड के पुस्तकालय कार्यक्रम के अंतर्गत कई बच्चों को पुस्तकालय का लाभ मिलता है जिससे बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित होती है और साथ ही साथ इस पहल से सरकारी स्कूल के शिक्षकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, रीडिंग रिक्शा की इस मुहिम का समर्थन कर रहा है और केन्द्रीय प्राथमिक स्कूल तक उनकी यात्रा के प्रचार प्रसार में मदद भी करेगा। ज़ी एन्टरटेन्मेन्ट इंटरप्राइजेज लिमिटेड के सामाजिक पहल ज़ी केयर फाउण्डेशन के वित्तीय सहयोग से रूम टू रीड ने उत्तराखण्ड और राजस्थान में 20 पुस्तकालयों की स्थापना की है।

पुनीत गोयनका, जी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक और सीईओ का कहना है कि, “जी एंटरटेनमेंट की सामाजिक पहल ज़ी केयर न सिर्फ बच्चों तक गुणवत्ता वाले पठन सामग्री को पुस्तकालयों के माध्यम से प्रदान करने में सफल साबित होगी, बल्कि शीर्ष रूप से शिक्षा पर लोगों को जागरूक करेगा जो हमारे देश की प्राथमिकता है और इसमें मीडिया की शक्ति का पूर्ण रूप से इस्तेमाल किया जाएगा।”

साल 2003 से रूम टू रीड ने भारत में एक लाख से अधिक बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है। भारत में कुल 5,700 पुस्तकालयों जिसमें से 1246 केवल राजस्थान में स्थापित किए है। और शिक्षा के बहुमूल्य उपहार के माध्यम से 5000 से अधिक बालिकाओं के जीवन को प्रभावित किया है।

“भारत में रूम टू रीड का विकास पिछले दस सालों में काफी तेज़ी से हुआ है जिसका श्रेय ज़ी केयर जैसे कॉर्पोरेट समर्थकों के साथ रणनीतिक साझेदारी को जाता है, ” उन्मेश ब्राह्मे, रूम टू रीड भारत के निदेशक कहते हैं। “हर जिला और राज्य जहां हम काम करते हैं वहां शिक्षा की प्रगति के सामने विविध प्रकार की चुनौतियां प्रस्तुत होती है। ज़ी केयर के साथ हमारी भागीदारी सार्वजनिक, निजी और गैर लाभ उद्योगों की मूल दक्षताओं का लाभ उठाता है और हमें समाधान प्रदान करने में मदद मिलेगी।”
रूम टू रीड के बारे में:

रूम टू रीड एक वैश्विक संगठन है जिसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक असमानता और निरक्षरता का समाधान करते हुए लाखों बच्चों के जीवन को रूपांतरित करना है।

अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट www.roomtoread.org पर जाए।

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