सिरोही कलेक्टर के स्थानीय भाषा मुद्दे पर बयान कि निंदा

sirohiसिरोही / जिला कलेक्टर खुद स्थानीय भाषा सीखने कि बजाय पुरे जिले को हिंदी भाषा बोलने को मजबूर करने वाले हें। उनके द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत सम्बलन कार्यक्रम के तहत कुछ विद्यालयो का निरिक्षण किया गया। निरिक्षण के   से अपनी भाषा में प्रश्न पूछे तो छात्र समझ नहीं पाये मगर जब छात्रो को स्थानीय भाषा राजस्थानी में उन प्रशनो का अनुवाद करके बताया तो उन्होंने तुरंत प्रश्न हल कर दिए ,जिला कलेक्टर रघुवीर सिंह मीना ने छात्रो द्वारा स्थानीय भाषा में उत्तर देने और हिंदी भाषा समझ में नहीं आने पर खीज उठे। उन्होंने यह बयान दे दिया कि स्थानीय भाषा के कारण छात्रो को पढाई में दिक्कत होगी इसीलिए हिंदी भाषा पर जोर देने के लिए कार्य योजना बनाई जायेगी। तो कलेक्टर साब एक मछली तलब को गन्दा करती हें तो तालाब के पानी को खाली नहीं कराया जता गन्दी मछली को फेंका जाता हें। आपको स्थानीय भाषा राजस्थानी को सीखना चाहिए फिर छात्रो से बात करनी थी आपको राजस्थानी नहीं आती इसका मतलब आप सभी को हिंदी सिखाएंगे यह तो हमारी मायड़ भाषा का अपमान हें। आप खुद पहले राजस्थानी सीखिए क्यूंकि बात सिर्फ छात्रो कि नहीं आपके पास आने वाले स्थानीय फरियादी भी अपनी फ़रियाद स्थानीय भाषा में सुनाएंगे ,किन किन को हिंदी सिखाओगे ,आपको चाहिए था कि आप स्थानीय भाषा राजस्थानी को प्राथमिक शिक्षा से लागू करने कि बात पर जोर देते। स्थानीय भाषा के सम्बलन पर जोर देते ,आपका पड़ौसी गुजरात राज्य में  तक स्थानीय भाषा का इस्तेमाल करते हें ,आपको भी करनी चाहिए ,
राज्य सरकार से आग्रह हें भाषा के नाम पर पार्टी कि छवि धूमिल करने वाले ऐसे अधिकारियो को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए ,राजस्थानी भाषा के मुद्दे पर अधिकारियो कि सोच सकारात्मक होना जरुरी हें ,अधिकारी किसी भी नागरिक पर भाषा को थोप नहीं सकते
chandan singh bhati
error: Content is protected !!