विद्यार्थी पुलिस केडेट योजना कागजों में सिमटी

kiranजयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार नें विद्यार्थी पुलिस केडेट योजना की जोर शोर से घोषणा की। किन्तु इसे लागु करने में कोई रूचि नहीं दिखाई। यह योजना विद्यार्थियों मे पुलिस व्यवस्था के प्रति सम्मान, अनुशासन एवं चरित्र निर्माण की दृष्टि से लागु की गई थी। राजसमन्द जिले में तो यह प्रारम्भ ही नहीं हो पाई। किरण ने पुलिस एवं कारागार की बजट चर्चा में कटौति प्रस्ताव द्वारा राजसमन्द जिले में चौकियों व थानों के भवन निर्माण एवं विस्तार और पुलिस कर्मियों के लिए आवास व्यवस्था पर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया । पुलिस अभिरक्षा में प्रताड़ना, मानवाधिकारों के उल्लंघन, प्राथमिकी संधारित करने से मना करना, पुलिस अभिरक्षा में अवैध रूप से बंदी रखना, एवं जिले मे अपराधों में वृद्धि पर भी प्रभावी कार्यवाही की मांग की।

किरण नें राज्य के प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर पृथक महिला कारागार, कारागारों में बंदियों के लिए खेलकूद, मनोरंजन, योग, चिकित्सा एवं अध्ययन सुविधा, बंदियों मे उद्यमिता एवं विविधता युक्त भोजन एवं भोजन परीक्षण की नियमित व्यवस्था भी होनी चाहिए। बंदियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, कारागार में बंदियों की मृत्यु एवं गंभीर रोगों से ग्रस्त होने पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।

स्थानीय युवाओं को रोजगार में मिले प्राथमिकता
जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें कहा कि जहां भी उद्योग स्थापित हो वहां स्थानीय युवकों को रोजगार में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राजसमन्द एवं नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र मे खनन उद्योग स्थापित हुए है। इस क्षेत्र मेंअभियांत्रिकी, पॉलिटेक्निक, आई टी आई उत्तीर्ण युवा बड़ी संख्या में बेरोजगार है। आवश्यक योग्यता  होते हुए भी इन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है।

किरण माहेश्वरी विधानसभा में नियम 295 के अन्तर्गत विशेष उल्लेख द्वारा क्षेत्रीय बेरोजगारी पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। उद्योगों की स्थापना के लिए क्षेत्र के गांवों की भूमि अधिग्रहित की गई थी। अनापत्ति लेते समय रोजगार का आश्वासन दिया गया था। ये उद्योग क्षेत्र के पर्यावरण को दुषित कर रहे है। खनन उद्योगों के क्षेत्र में भूजल स्तर बहुत नीचे होता जा रहा है। पेयजल में प्लोराइड की मात्रा बढ़ गई है।

किरण ने सरकार को चेताया कि बेरोजगारी के कारण युवाओं में भारी आक्रोश है। यह आक्रोश कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है। उद्योगों में स्थानीय युवाओं के रोजगार के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाए। भूमि अधिग्रहण के समय किए गए सभी वादों की पूर्ति सुनिश्चित की जाए।

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