दिल्ली में रोक मगर जयपुर में चल रहे हैं ई-रिक्शा

e-rikshaपिछले दिनों नई दिल्ली में ई-रिक्शा की टक्कर लगने से तीन वर्षीय एक बच्चा मां की गोद से उछलकर गर्म तेल में गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद न्यायालय ने दिल्ली में ई-रिक्शा के संचालन पर रोक लगा दी। कारण था इन ई-रिक्शाओं का न तो इंश्योरेंस होता है और न ही ये परिवहन विभाग से पंजीकृत होते हैं। दिल्ली में तो रोक लग गई, लेकिन जयपुर में भी बिना इंश्योरेंस और पंजीकरण के सैकड़ों ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। ऐसे में इनसे दुर्घटना होने पर पीडि़त व्यक्ति बीमा या मुआवजे का पात्र नहीं होता है। गौरतलब है कि जयपुर में चल रहे बैट्रीचलित ई-रिक्शा से आमजन को सुगम परिवहन की सुविधा तो मिल रही है, लेकिन इसके एक पेंच के कारण ये यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। पड़ोसी राज्यों में ई-रिक्शा संचालन से संभावित सड़क हादसों को देखते हुए न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को इन पर रोक लगाने के आदेश दिए है।

जयपुर में चल रहे ई-रिक्शा 0.25 हॉर्सपावर क्षमता वाली बैट्री से संचालित किए जा रहे है। इनकी अधिकतम गति बीस किमी. प्रतिघंटा तक है। दूसरी ओर मोटर व्हीकल एक्ट के दायरे से बाहर होने के कारण परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस नियम विरूद्ध संचालन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। ई-रिक्शा को परिवहन विभाग से पंजीकरण कराने से छूट मिली हुई है वहीं रिक्शा का चैसिस नंबर तक भी रजिस्टर्ड नहीं होने की सूरत में दुर्घटना होने पर संबंधित ई-रिक्शा की पहचान करना भी मुश्किल है। ई-रिक्शा में चार सवारियों को बैठाने की क्षमता का प्रावधान है, लेकिन शहर में क्षमता से ज्यादा सवारियों को बैठाकर शहरी क्षेत्र के साथ भारी वाहन संचालन वाले मार्गो पर भी इन्हें चलाया जा रहा है। शहर ट्रैफिक डीसीपी लवली कटियार ने बताया कि शहर में ई-रिक्शा चल रहे हैं, इस बारे में जानकारी तो है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इन पर कार्रवाई नहीं की जाती है। चालान करने या नहीं करने जैसे नियमों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।

error: Content is protected !!