सोशल मीडिया पर खुला मोदी का ‘ढोंग’

modi_jeetbahadurनई दिल्ली / नरेंद्र मोदी के ‘धर्मपुत्र’ जीत बहादुर को उनके परिवार से मिलाने को लेकर पिछले दिनों खूब चर्चा हुई। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस बात की खुशी जाहिर की कि जीत आखिरकार अपने परिवार से मिल पाएगा। लेकिन, जीत बहादुर अपने परिवार से बहुत पहले ही न सिर्फ संपर्क में हैं बल्कि दो साल से ही अपने परिवार से मिल चुके हैं।
नरेंद्र मोदी बताते हैं कि उन्हें जीत बहादुर 11 साल की उम्र में मिला था जब वह अपने परिवार से अलग होकर भटक गया था और अहमदाबाद पहुंच गया था। जीत के मुताबिक मोदी ने उनका बहुत ख्याल रखा और उन्हें पढ़ाया-लिखाया। अब जब प्रधानमंत्री को नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर जाना था तब यह बात और ज्यादा चर्चा में आई। यहां तक कि मोदी ने नेपाल जाने से एक दिन पहले ट्वीट किया कि वह जीत को परिवार से मिला पाएंगे। उन्होंने लिखा, ‘शुक्र है कि हम उसके पैरंट्स को खोजने में कामयाब रहे। मुझे खुशी है कि कल माता-पिता अपने बेटे से मिल पाएंगे।’  3 अगस्त को पीएम की वेबसाइट पर लिखा गया, ‘पीएम ने जीत बहादुर को नेपाल में उसके परिवार से मिलवाया। जिस नेपाली लड़के जीत बहादुर से नरेंद्र मोदी सालों पहले मिले थे, उसका आज नेपाल में उसके परिवार से पुनर्मिलन हो गया।’
लेकिन, जीत बहादुर फेसबुक पर बहुत ऐक्टिव हैं और वह दो साल पहले ही अपने परिवार से मिलने की तस्वीरें फेसबुक पर शेयर कर चुके हैं। अगस्त 2012 में उन्होंने कुछ फोटो पोस्ट गिए थे जो नेपाल के नवलपारसी जिले के हैं। 19 जून 2012 को उन्होंने लिखा था, ‘हे फ्रेंड्स, आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मैं घर (नेपाल) पहुंच गया हूं।’
इस बारे में सोशल मीडिया पर लोगों ने जीत बहादुर के फेसबुक पेज से स्क्रीनशॉट लेकर पोस्ट किए हैं।

error: Content is protected !!