समस्त सेवा परिलाभो सहित पुन: सेवा में स्थापित करने के आदेश

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने सेवामुक्ति आदेश अपास्त करते हुए पारिणामिक लाभों सहित पुन: सेवा में स्थापित करने के आदेश प्रत्यर्थी संस्था प्रबन्ध समिति श्री जैन तेरापंथ महाविद्यालय राणावास , पाली को दिया। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थीगण श्रवण कुमार पुत्र श्री केसाराम, रामसिंह पुत्र श्री मदनसिंह , अ बेश्वर लाल पुत्र श्री लच्छीराम, व मदनलाल पुत्र श्री ओगर राम को दिनांक 7-11-1978 से 1-4-1981 तक विधि स मत प्रक्रिया अपनायी जाने के पश्चात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर अप्रार्थी संस्था द्वारा भर्ती किया गया। सभी को आदेश दिनांक 29-6-2005 के द्वारा सेवामुक्त कर दिया गया। इससे पूर्व सभी अपीलार्थीगण विभिन्न आदेशो के जरिये सेवा में स्थायी हो चुके थे। अप्रार्थी संस्था राज्य सरकार के कॉल्ेज शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त है। जिसे 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान की राशि उपलब्ध करवायी जाती हैँ। इसके कारण यह संस्था राज्य की परिभाषा में आती है तथा इस पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 तथा नियम 1993 के प्रावधान लागू होते है। अपीलार्थीगण ने अप्रार्थी संस्था 2 एवम् उच्चाधिकारियो के समक्ष प्रशासक नियुक्ति की प्रार्थना करते हुए अ यावेदन प्रस्तुत किया। जिसके कारण बिना प्रक्रिया अपनाये उन्हे सेवा ाुक्त कर दिया गया। प्रत्यर्थीगण ने उन्हे सेवामुक्त करने का कारण विद्यार्थियो की सं या कम होना बताया लेकिन यह वास्तविकता के विपरीत रहा था। इससे पीडित होकर अपीलार्थीगण ने अपने वकील डी पी शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सेवा मुक्ति आदेश को अपास्त करने की प्रार्थना की। अपीलार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि अपीलार्थीगण को बिना विधिक प्रक्रिया अपनाये हटाया गया व अपीलार्थीगण को हटाने से पूर्व 6 महीने की अवधि का नोटिस अथवा उसकी एवज में 6 महीने का वेतन नहीं दिया गया। अप्रार्थी संस्था ने निदेशक कॉलेज शिक्षा का अनुमोदन भी प्राप्त नहीं किया एवम इस संदर्भ में प्रबन्ध समिति द्वार सर्वस मति से प्रस्ताव भी पारित नहीं किया गया। मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने सेवा मुक्ति आदेश अपास्त करते हुए अपीलार्थीगण को समस्त सेवा परिलाभो सहित पुन: सेवा में स्थापित करने के आदेश प्रत्यर्थी संस्था को दिये व आयुक्त कॉलेज शिक्षा, जयपुर , राजस्थान को निर्देश दिया कि वे उपरोक्त निर्णय की पालना प्रत्यर्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चित करे।
डी पी शर्मा
एडवोकेट
मो. नं. 9414284018

error: Content is protected !!