जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अनुदानित संस्था प्रबन्ध समिति, सरस्वती निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय, आयड़ उदयपुर को राज्य सेवा में समायोजित कर्मचारियों को उपदान की राशि, उपार्जित अवकाशों के नकदीकरण की राशि तथा छठे वेतन आयोग एवं चयनित वेतनमान का लाभ मय ब्याज के दिये जाने हेतु आदेशित किया। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण श्रीमती गीता राजपूत, श्रीमती राजकुमारी शर्मा, कैलाश चन्द्र चौबीसा, श्रीमती रेखा पुरोहित एवं भगवान दास वैष्णव को दिनांक ०१-०७-१९८२ से ०१-०७-१९९६ तक विभिन्न पदों पर अप्रार्थी संस्था द्वारा नियुक्ति दी गयी थी। जो चयन समिति द्वारा स पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। तत्पश्चात उक्त प्रार्थीगणों का समायोजन अप्रार्थी संस्था से दिनांक ३०-०६-२०११ को राज्य सरकार में हो गया परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थीगणों को उपदान की राशि, उपार्जित अवकाशों के नकदीकरण की राशि तथा छठे वेतन आयोग एवं चयनित वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया एवं अप्रार्थी संस्था ने यह तर्क दिया कि प्रार्थीगणों का राज्य सरकार में आमेलन हुआ है तथा उन्हें सेवानिवृत्ति नहीं दी गयी है इसलिये प्रार्थीगण उक्त लाभों के अधिकारिणी नहीं है। अप्रार्थी संस्था का उक्त कृत्य अवैध, मनमाना एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद २३ में किये गये प्रावधानों के विरूद्ध है। प्रार्थीगणों ने इससे पीडि़त होकर माननीय अधिकरण के समक्ष वकील डी.पी.शर्मा के माध्यम से प्रार्थना प्रस्तुत की गई। प्रार्थीगण के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था से राज्य सरकार में आमेलित होते ही प्रार्थीगणों की सेवायें अप्रार्थी संस्था से समाप्त हो चुकी है, अत: प्रार्थीगण उपरोक्त सभी लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारिणी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने प्रार्थीगण को उपदान की राशि, उपार्जित अवकाशों के नकदीकरण की राशि तथा छठे वेतन आयोग एवं चयनित वेतनमान का लाभ प्राप्त करने का अधिकारी मानते हुए उक्त लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।
डी पी शर्मा
एडवोकेट
मो. नं. 9414284018