सरकारी निकायों को सहयोग करने हेतु हस्ताक्षरित समझौता पत्र

खुले में शौच की प्रवृत्ति से भारत को मुक्त करने और स्वच्छ शौच व्यवस्था तक लोगों की पहुंच में सुधार लाने हेतु अभिनव चरण
DSC_0302DSC_0292जयपुर. भारत में लाखों-करोड़ों ऐसे लोग हैं जो कि मौलिक स्वच्छता सुविधाओं तक अपनी पहुंच बनाने हेतु प्रयासरत हैं। ऐसे लोगों की सहायतार्थ और साथ ही स्वच्छता सैक्टर में सर्वश्रेष्ठ व्यवहारों को सांझा करने के लिये नये लक्ष्यों के निर्धारण के उद्देश्य से एक अभिनव प्रयास के अन्तर्गत आज यहां तीन ऐसे वैश्विक संगठनों के मध्य एक समझौता (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गये है। इसके अन्तर्गत स्वच्छता पर सभी की पहंुच बनाने और सभी नागरिकों के लिये इसे वहन योग्य बनाने का एक समान लक्ष्य सांझा करते हैं।
सभी स्टेक होल्डर्स जैसे कि ग्रामीण जनता, समाज के वंचित वर्गों और जड़स्तर पर काम करने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं से लेकर सरकारी अधिकारीगण और कार्य निष्पादन निकायों तक के लिये यह समझौता पत्र नीतिगत प्रभाव की दृष्टि से अत्यन्त महतवपूर्ण होगा, ऐसी आशा की जाती हैं। यह समझौता अथवा समझ पत्र जिन तीन संगठनों के प्रतिनिधियों के मध्य सम्पूर्ण हुआ है, उनके नाम हैं – वर्ल्ड टॉयलेट संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.), वेस्ट (डब्ल्यू.ए.एस.टी.ई.), फिनिश। समझौता पत्र पर हस्ताक्षर एक सादा समारोह में आज रामाडा होटल में किये गये।
समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिये डब्ल्यू.टी.ओ. के फाउण्डर जैक सिम, वेस्ट के वित्त निदेशक वेलेन्टिन पोस्ट व फिनिश के को-फाउण्डर विजय आत्रे व कार्यक्रम निदेशक अभिजित बनर्जी एवं राजस्थान के समन्वयक राजेश चतुर्वेदी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस एम.ओ.यू. के माध्यम से तीनों पक्षों (हस्ताक्षरकर्ताओं) ने इस बात पर सहमति प्रकट की है कि वे केन्द्र सरकार, सम्बन्धित राज्य सरकारों, स्थानीय स्वशास सरकारों एवं विकास कार्य से जुड़े अन्य भागीदारों के साथ मिलकर, परस्पर सहयोग और आपसी समन्वय से काम करते हुए भारत को खुले में खौच की प्रवृत्ति से मुक्त करने की दिशा में कार्य करेंगे। तीनों संगठनों द्वारा इस पर सहमति जताई गई हैं कि वे फिनिश सोसाइटी, डब्ल्यू.टी.ओ. की पैरवी, समर्थन और प्रचार-प्रसार की क्षमता, शांति का उपयोग करना चाहेंगे।
देश में अपनी किस्म के इस प्रथम सहयोग-समझौते का उद्देश्य है – देश को खुले शौच की आदत से मुक्त कराने हेतु केन्द्र सरकार को सहयोगय प्रदान करना, सफाई हेतु बनाई गई व्यवस्थाओं के दीर्घकालिक उपयोग को बढ़ावा देना और उच्छिष्ट (मल) के सुरक्षित और सुव्यवस्थित निस्तारण में सहायता प्रदान करना।
डब्ल्यू.टी.ओ. के संस्थापक श्री जैक सिम ने कहा, कि उद्देश्य नीति संवादों और स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों के लिये पैरवी के माध्यम से प्राप्त किये जायेंगे और इन्हीं के साथ जमीनी स्तर की स्वच्छता प्रवृत्तियों को जोड़ा जायेगा जिसके माध्यम से इन प्रवृत्तियों से प्राप्त सीख और अनुभवों को पैरवी सम्बन्धी कार्यों और नीति संवादों को ओर अधिक कारगर बनाया जायेगा। इस अवसर पर डब्ल्यू.टी.ओ. संस्थापक के साथ वेस्ट के वित्त निदेशक श्री वेलेस्टिन पोस्ट और फिनिश के सह-संस्थापक श्री विजय आत्रे भी उपस्थित थे।
यह समझौता पत्र एक वृहद् समझौते की तरह कार्य करेगा, जिसके अन्तर्गत सहयोग के अन्य अनेक समझौतों को सम्मिलित किया जायेगा। यह समझौता तीन वर्ष की अवधि तक वैध रहेगा।
इस अवसर पर श्री पोस्ट ने कहा कि डब्ल्यू.टी.ओ. एवं वेस्ट ने विश्व के सभी नागरिकों के लिये स्वच्छता को पहुंच योग्य और वहनीय बनाने की दृष्टि को सांझा करते हुए, नीति सम्बन्धी संवदों, पैरवी एवं जमीन स्तरीय निष्पादन में सहयोग के माध्यम से अनेक देशों की सरकारों और विकास कार्य से जुड़ी पणधारियों (स्टेक होल्डर्स) के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्य करने हेतु समझौते किये हैं।
फिनिश सोसाइटी, वेस्ट संगठन का सहयोग लेकर कार्य कर रही है (डी.जी.आई.एस. से प्राप्त अनुदान से कार्य आरम्भ करते हुए)। इस कार्य में विकास कार्य में लगी संस्थाओं का सहयोग किया जा रहा है और साथ ही राज्य सरकारों से भी सहयोग लिया जा रहा है। इसके क्रियान्वयन मॉडल में परस्पर जुड़ी रणनीति के अनुसार काम किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत स्वच्छता के लिये भारत के भिन्न-भिन्न 10 राज्यों (बिहार, गुजरात, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल) में कार्यरत 60 से अधिक स्थानीय भागीदारोें के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से स्वच्छता (सेनीटेशन) के लिये माँग पैदा की जाती है। एक बार जब माँग पैदा हो जाती है, तो इस माँग को प्रभावी बनाने के लिये भागीदार वित्तीय समावेश तंत्र का उपयोग करते हैं। यह प्रभावी माँग मुड़कर आपूर्ति दिशा हस्तक्षेपों के लिये अवसरों का सृजन करती है।
कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया परामर्शदाता
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राजेश चतुर्वेदी
फिनिश कोऑर्डिनेटर
राजस्थान
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