राजस्थान में मूसलाधार बारिश, 11 जिलों में अलर्ट जारी

राजस्थान में तेज बारिश का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है। एक दिन की राहत के बाद रविवार शाम से शुरू हुई बारिश के दौर ने आज जोर पकड़ लिया। प्रदेश के सभी हिस्सों में आज मूसलाधार बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।

मौसम विभाग ने राजधानी जयपुर सहित धौलपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, नागौर, बूंदी, अजमेर, टोंक, सीकर सहित 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग की चेतावनी और आज हुई भारी बारिश के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया है।

जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को दिन-रात अपने जिलों का दौरा कर आम आदमी को राहत देने के निर्देश दिए गए है। मंत्रियों एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को जिलों में भेजा गया है।

बारिश से चम्बल नदी खतरे के निशान पर बह रही है,वहीं पार्वती नदी के गेट खोले जाने एवं तेज बारिश से धौलपुर जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। इसके साथ ही प्रदेश के छोटे-बड़े दो दर्जन बांधों से पानी बाहर निकलने से आसपास के क्षेत्र पानी में डूब गए।

मूसलाधार बारिश से हुए हादसों में आज राज्य में नो लोगों की मौत हो गई, इनमें छह जयपुर में, एक धौलपुर एवं एक भरतपुर में मौत हुई है, जयपुर में मरने वालों में चार बच्चे शामिल है, यह बच्चे जिले के फु लेरा मे पानी के तेज बहाव में बह गए। दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा गांव में एक यात्री बस बह गई जिसमें सवार लोगों को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। हालांकि इस हादसे में आधा दर्जन लोग घायल हो गए। रविवार रात से शुरू हुआ बारिश का दौर आज तक इतना जबरदस्त था कि जयपुर के सिविल लाईस में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के घरों में पानी भर गया,पांच मंत्रियों के घरों में करंट आने की भी बात सामने आई है।

शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों में भी पानी भर गया। जयपुर कलेक्ट्रेर,रेलवे के डीआरएम ऑफिस में पानी भरने से रिकॉर्ड खराब हो गया।

जयपुर में दो, सीकर में एक भवन ढ़हने से पांच लोग नीचे दब गए, हालांकि उन्हें सकुशल बाहर निकाल लिया गया। राज्य के धौलपुर, सीकर, नागौर, सवाई माधोपुर, भरतपुर में आज दिनभर जबरदस्त बारिश हुई। बारिश से लोगों को काफी परेशानी हुई। आज सुबह हुई तेज बारिश ने ट्रेनों और बसो के पहियों पर ब्रेक लगा दिया। ट्रैक पर पानी भरने से दो ट्रेनों को बीच रास्ते में खड़ा करना पड़ा। दूसरी ओर सड़कों पर जगह-जगह पानी भरने से बसें देरी से रवाना हो सकी। ट्रेनों और बसों के संचालन करने वाले कार्यालयों में भी जमकर पानी भर गया।

सिंधी कैंप बस स्टैंड पर भी बारिश के कारण लोगों को सुबह-सुबह काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रैक पर पानी भरने से उदयपुर-सियालदाह एक्सप्रेस को जोबनेर स्टेशन और बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस को नरैना स्टेशन पर रोका गया। दोनों ट्रेनों को 20 मिनट तक रोकना पड़ा। ट्रांसपोर्ट नगर रोड पर पानी भरने से दिल्ली जाने वाली बसों को एक्सप्रेस हाईवे होकर निकाल गया।

प्रदेश के सभी क्षेत्रों में सरकारी बसों का आवागमन प्रभावित हुआ, कई मार्गो पर पिछले पांच दिन से बसें नहीं चल रही है। प्रशासन ने अंडरपासों पर पुलिस तैनात कर राजधानी में अलर्ट घोषित किया है। इसके साथ ही प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।

स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों की 30 तक छुट्टियां स्थगित कर दी हैं। सभी पुलिस थाना अधिकारियों को भी अलर्ट कर दिया है। बारिश के दौरान आपदा प्रबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ड्रेनेज सिस्टम के लिए 100 करोड़ की राशि मंजूर की। यह राशि जेडीए और नगर निगम के लिए मंजूर किए हैं। इधर भाजपा ने बाढ़ के हालात को

लेकर राज्यपाल मार्गेट अल्वा को ज्ञापन दिया,जिसमें बारिश से हुए हादसों में मृतको के परिजनों को 11 लाख रूपए, मकान ढहने पर एक लाख रूपए की मदद देने की मांग की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने सरकार पर बाढ़ राहत कायरें में असफल रहने का आरोप लगाया है।

 

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