जयपुर। महिलाओं में सीखने की क्षमता पुरुषों से कहीं अधिक होती हे, इसलिए महिलाओं को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण देकर बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।
यह कहना है राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता मदेल। वे सेंटर फॉर माइक्रोफाइनेंस (सीएमएफ) की ओर से यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान की ओर से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे सत्र में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को कौशल प्रशिक्षण देकर बड़े से बड़े व्यवसाय में प्रवत्त किया जा सकता है।
मदेल ने बताया कि राज्य सरकार जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर इस तरह के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है जहां महिलाएं अपने क्षेत्र में ही इनमें दक्षता हासिल कर सकेंगी।
बैंगलूर के स्वयंसेवी संस्था ‘सम्पर्क‘ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मिता प्रेम चंदर ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की सरकारी योजना और कायदे कानून बनाने में महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने राजस्थान सरकार से आग्रह किया कि वह राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण सहायता मुहैया कराने के लिए अलग से कोष बनाए।
संगोष्ठी में ‘नाबार्ड‘ के महाप्रबंधक जेपीएस बिंद्रा, एसबीबीजे के महाप्रबंधक अजय नकीब, पीडो डूंगरपुर के कार्यकारी निदेशक देवीलाल व्यास और एपीमास के सीईओ सी.एस.रेड्डी ने भी विचार व्यक्त किए। सी.एफ.एफ. के अध्यक्ष एन.एस. सिसोदिया ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर राज्य के विभिन्न अंचलों से आई दो सौ से अधिक महिलाओं ने अपने अनुभव भी साझा किए। महिलाओं के पांच समूहों ने स्वयं सहायता समूहों के संचालन के दौरान आई समस्याओं के संबंध में प्रस्तुतियां भी दीं।
Kalyan singh Kothari