वसुंधरा सरकार अब स्कूलों में पढ़ाएगी नैतिकता का पाठ

vasundhara 10अब राजस्‍थान के सरकारी स्‍कूलों में प्रदेश सरकार नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएगी। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश के विद्यालयों में संस्कारयुक्त नैतिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। विद्यालयों में हर शनिवार को अन्य पीरियड्स का समय पांच-पांच मिनट कम करते हुए एक अतिरिक्त नौवां पीरियड नैतिक शिक्षा के लिए रखा जाएगा।
इस पीरियड में महापुरूषों के जीवन की प्रेरणा देने वाली जीवनियों, राष्ट्रभक्ति से जुड़े गीत, प्रेरक संदेशों आदि के साथ ही व्यक्तित्व विकास और स्वच्छता के प्रति जागरूकता आदि का अभ्यास करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता, नैतिकता और योग के संस्कार प्रदान हो, इसके लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएंगे।
शिक्षा संकुल स्थित सभागार में ‘विद्यार्थियों के नैतिक एवं व्यक्तित्व विकास’ विषयक बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत यह अभियान चलाया जाए। इसके तहत विद्यार्थियों में स्वच्छता की आदत डालने के लिए स्वत: प्रेरणा से अपने क्‍लास रूम, विद्यालय की साफ-सफाई के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए। इससे बच्चों में स्वच्छता के प्रति वातावरण बनेगा।
एसआईआरटी व बोर्ड तैयार करेगा पाठ्यक्रम
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि योग, नैतिकता प्रदान करने वाले पाठ पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित किए जाएंगे। उन्होंने इसके लिए एसआईआरटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को मॉड्यूल तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार अपने आप में योग है। विद्यालयों में सूर्य नमस्कार के चार्ट लगवाएं जाएं।
प्रार्थना समय अब 30 मिनट
नैतिक शिक्षा के लिए विद्यालय प्रार्थना का समय भी 20 मिनट के स्थान पर 30 मिनट किया जा रहा है ताकि यह बच्चों के व्यक्तित्व विकास के साथ ही उनको प्रेरणा प्रदान करने वाली हो। इसमें बच्चों को महापुरूषों की जीवनियों, आदर्श वाक्यों, सम-सामयिक समाचार, प्रेरक प्रसंगों के साथ ही भारतीय संस्कृति के सरोकारों से जोड़ने वाली बातों को सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को प्रेरक शैक्षिक वातावरण मिले, इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास हों।
लिखवाए जाएंगे प्रेरणा देने वाले वाक्य
देवनानी ने विद्यालयों में अनमोल वचन, प्रेरणा देने वाले महापुरूषों के कथन, सुवाक्यों को लिखवाए जाने के भी बैठक में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने पाठ्यपुस्तकों के अंतिम कवर पर महापुरूषों के प्रेरणास्पद वाक्य, राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत संदेश आदि लिखवाए जाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने आवासीय विद्यालयों, महिला छात्रावासों में विवेकानंद केंद्र के प्रशिक्षकों के प्रेरक व्याख्यान करवाए जाने पर भी जोर दिया, ताकि नैतिक शिक्षा के साथ विद्यार्थियों के सद्व्यवहार के लिए भी कार्य हो सके। उन्होंने विद्यालयों के पुस्तकालयों से बच्चों को जोड़ने, उनमें नैतिकता का बोध कराने वाली पुस्तकों को मंगवाए जाने के लिए भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए।

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