“त्रिसुगंधि” शिवचंद ओझा ओसियां स्मृति सम्मान समारोह

a1DSC_0120DSC_0162त्रिसुगंधि साहित्य, कला एवं संस्कृति संस्थान पाली राजस्थान के
तत्वावधान में आयोजित श्री शिवचंद ओझा ओसियां स्मृति सम्मान समारोह एवं
दो दिवसीय राष्ट्रीय साहित्यकार सम्मलेन का ७ मई को पिण्डवाडा जिला
सिरोही में  भव्य आगाज हुआ ।  कार्यक्रम साहित्यकार आशा पाण्डेय ओझा ने
अपने पिताश्री शिव चंद ओझा ओसियाँ की स्मृति में उनके जन्म दिवस आठ मई के
उपलक्ष्य में  करवाया ।  इसकी पूर्व संध्या पर दिनांक सात मई अपराह्न सवा
चार बजे हुवे  उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ साहित्यकार एवं
राजस्थान उच्चतर न्यायिक सेवा से सेवा निवृत मुरलीधर वैष्णव साहब जोधपुर
ने अध्यक्षता की जाने-माने गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी( देहरादून )
,कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि दुनिया इन दिनों के प्रधान
संपादक,साहित्यकार डॉ सुधीर सक्सेना साहब भोपाल से, विशिष्ट अतिथि
साहित्यकार सुरेखा शर्मा हरियाणा व विश्वगाथा के संपादक व लेखक पंकज
त्रिवेदी जी गुजरात से , व प्रकाश कोठारी जी जलगांव।  कार्यकर्म की
शुरुआत आदर्श विधामंदिर स्कूल वनवासी कल्याण परिषद की छात्राओं द्वारा
माँ सरस्वती वंदना से हुई  तत्पश्चात संस्था अध्यक्ष आशा पाण्डेय ओझा
द्वारा विषय प्रवेश व स्वागत उद्बोधन के साथ ही इसी स्कूल की छात्राओं ने
राजस्थानी लोक गीत” मोरियो रे झट चौमासो लाग्यो” पर शानदार नृत्य की
प्रस्तुती दी इस सत्र  का शानदार संचालन किया भीलवाड़ा राजस्थान से पधारे
जाने-माने कवि प्रह्लाद पारिक साहब ने की कार्यक्रम का  दूसरा  सत्र सांय
6 बजे प्रारम्भ हुआ   आशा पाण्डेय ओझा आशा  के काव्य संग्रह “वक़्त की शाख
से ” का विमोचन एवं उस पर चर्चा थी सत्र के मुख्य अतिथि थे डॉ बुद्धिनाथ
मिश्र थे व अध्यक्षता की वरिष्ठ बाल साहित्यकार डॉ गोविन्द शर्मा संगरिया
ने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विमला भंडारी सलूम्बर ,वरिष्ठ साहित्यकार एवं
राजस्थानी व हिंदी के समान रूप से लेखन करने वाले डॉ रवि पुरोहित बीकानेर
,राष्ट्रीय सहारा देहली के जनर्लिस्ट संजय सिंह जी  वरिष्ठ पत्रकार ,जय
प्रकाश दीवान दिल्ली कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे ,साहित्यकार मोनिका
गौड़ बीकानेर व साहित्यकार दिनेश माली उड़ीसा ने पुस्तक पर अपने पत्र
प्रस्तुत किये ,मंचासीन सभी अतिथियों ने पुस्तक व उसकी रचनाओं पर अपने
विचार प्रस्तुत किये ।इसी सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार व नवगीत के सशक्त
हस्ताक्षर बुद्धिनाथ मिश्र जी का साहित्य में उनके समग्र योगदान के लिए
संस्था द्वारा अभिनंदन किया गया  , मंच  संचालन किया बांसवाडा राजस्थान
के जाने-माने कवि साहित्यकार डॉ सतीश आचार्य ने। . रात ९ बजे काव्य
गोष्ठी  व मुशायरे का आगाज़ हुआ बोम्बे से पधारे फिल्म गीतकार व जाने-माने
शायर देवमणि पाण्डेय साहब के मुख्य आतिथ्य  में , सुपरिचित  कवि दिनेश
सिंदल जोधपुर  ने काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता की , विशिष्ट अतिथि थे
पटियाला पंजाब से सागर सूद साहब ,कवि प्रहलाद पारीक भीलवाडा , कवि डॉ
सतीश आचार्य बांसवाडा ,सोम प्रसाद साहिल  शिवगंज .कवि विवेक पारीक झूंझनू
,अब्दुल समद राही सोजत व समी शम्स वारसी  आबूरोड  जोधपुर , बीकानेर ,सोजत
,पाली , उदयपुर , आबूरोड़ से पधारे जाने-माने कवियों व शायरों ने एक से
बढ़कर एक प्रस्तुती देकर रात दो बजे तक श्रोताओं को बांधे रखा कार्यक्रम
में नवगीतकारों में देश-विदेश में सुपरिचित हस्ताक्षर डॉ बुद्धिनाथ मिश्र
जी के गीतों ने इतनी मिठास घोली की श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे डॉ राम
अकेला पीपाड़ ने अद्भुत संचालन से सबका मन मोह लिया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन आठ मई को  सुबह ९ बजे पहले सत्र समकालीन कविता
में स्त्री विमर्श विषय पर चर्चा हुई कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जेल
अधीक्षक व लेखिका प्रीता भार्गव थी .विशिष्ट अतिथि थे कहानीकार माधव
नागदा ,साहित्यकार  डॉ विमला भंडारी सलूम्बर ,मोहन लाल सुखाडिया विश्व
विधालय के हिंदी विभाग  के एसोसियेट प्रोफेसर डॉ नवीन नंदवाना उदयपुर व
कार्यक्रम की अध्यक्षता की भोपाल से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार व दुनियां
इन दिनों के प्रधान संपादक  डॉ सुधीर सक्सेना साहब ने मंच संचालन किया
कवि व जाने-माने मंच संचालक प्रहलाद पारीक जी ने की कार्यक्रम का दूसरा
सत्र समकालीन कहानी में आंचलिकता का प्रभाव विषय पर चर्चा कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि थे  विश्वगाथा  के संपादक व हिंदी गुजरती में समान रूप से
लिखने वाले  लेखक पंकज त्रिवेदी  कार्यक्रम की अध्यक्षता की हिंदी व
राजस्थानी के जाने-माने कहानीकार दिनेश पंचाल  डॉ दिनेश चारण रीना
मेनारिया ने सत्र में विशिष्ट अतिथि व प्रमुख वक्ता के तौर पर अपनी बात
रखी ।कार्यक्रम का संचालन कीया जानी-मानी मंच संचालिका कवियत्री शकुंतला
सरूपरिया ने ।

कार्यक्रम के छ्टे व अंतिम सत्र सम्मान समारोह में इस बार का श्री
शिवचंद ओझा साहित्य शिरोमणि पुरस्कार डॉ नन्द भरद्वाज जी को उनके समग्र
लेखन व साहित्य सेवाओं के लिए प्रदान किया गया ।

कला क्षेत्र का कला शिरोमणि सम्मान अब तक दस से अधिक देशों में व
हिंदुस्तान भर में अपने कथक नृत्य की प्रस्तुती दे चुकी ग्वालियर की
नृत्यांगना डॉ समीक्षा शर्मा को प्रदान किया गया ।
.
सुधीर सक्सेना जी भोपाल को उनके समग्र लेखन ,सम्पादन व साहित्य सेवाओं
हेतु  देवमणि पाण्डेय जी  बोम्बे को उनके फिल्मों व धारावाहिकों में गीत
लेखन व समग्र साहित्य सेवाओं के लिए , दिनेश माली जी उड़ीसा को उनके
द्वारा किये गए समग्र  अनुवाद के लिए सुरेखा शर्मा जी गुडगाँव हरियाणा को
उनके समग्र साहित्य लेखन पंकज  त्रिवेदी जी सुरेन्द्र नगर गुजरात को
राजस्थानी व गुजराती में समान रूप से लेखन व संपादन  , सागर सूद जी
पटियाला पंजाब  उनके समग्र साहित्य लेखन के लिए  मोनिका गौड़जी बीकानेर
राजस्थान को उनके समग्र साहित्य लेखन  ,सहित सात वरिष्ठ साहित्यकारों, को
त्रिसुगंधि साहित्य रत्न सम्मान प्रदान किया गया  व कला एवं संस्कृति में
विशिष्ट योगदान के लिए डॉ महा सिंह जी पूनिया कुरुक्षेत्र हरियाणा को कला
व संस्कृति रत्न सम्मान प्रदान किया गया ।  डॉ नवीन नंदवाना उदयपुर डॉ
शकुंतला सरूपरिया उदयपुर व डॉ दिनेश चारण आबू रोड़ व आदर्श विधा मंदिर
विधालय वनवासी कल्याण परिषद का अभिनन्दन किया व सारे अतिथियों व
प्रतिभागियों को उपरणा,स्मृति चिन्ह वप्रमाण पत्र प्रदान किये गए
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे डॉ बुद्धिनाथ मिश्र व अध्यक्षता की वरिष्ठ
साहित्यकार मुरलीधर वैष्णव ने कार्यक्रम का संचालन किया कवि विवेक पारीक
ने
अंत में संस्था अध्यक्ष आशा पाण्डेय ओझा  ने सभी पधारे हुवे
साहित्यकारों व अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।

error: Content is protected !!