विदेशी विवि का प्रवेश संसद के प्रावधानों के मुताबिक

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि विदेशी शिक्षा संस्थानों के भारत में प्रवेश का काम संसद के प्रावधानों के अनुसार ही होगा और इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गत माह ही अपने प्रावधान संसद को प्रस्तुत किये गये हैं। उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा में सुधार के लिए नीचे से प्रयास शुरू किये गये हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि इसी दशक में भारतीय उच्च शिक्षा विश्व की सर्वाेत्तम शिक्षा होगी।

सिब्बल आज अजमेर जिले के बांदरसीन्दरी स्थित राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में अपना उद्बोधन दे रहे थे। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि भारत को विश्व में अग्रणी देश बनाने के लिए सबसे पहले भारतीय बनना होगा। विद्यार्थी विश्वविद्यालय में जो शिक्षा ग्रहण करते हैं जिसके आधार पर व्यक्तित्व का निर्माण होता है और उपलब्धियां प्राप्त होती हैं उससे विश्वविद्यालय का ब्रांड बनता है।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सूचना क्रांति एवं वैश्वीकरण के युग में शिक्षा ग्रहण करने की प्रक्रिया उसका आधारभूत ढ़ांचा और कार्यप्रणाली बदलती जा रही है। इन परिस्थितियों में उनको समय के अनुकूल बनना होगा। आज विश्व के देश भी भारतीय शिक्षा व्यवस्था की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कठोर परिश्रम कर जीवन को आनन्दित एवं अनुशासित बनाने का संदेश भी दिया।

केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का सपना जो देखा गया था व धीरे-धीरे पूरा हो रहा है। अजमेर जिले में स्थित यह केन्द्रीय विश्वविद्यालय शैक्षिक एवं अकादमी गतिविधियों में कीर्तिमान स्थापित करेगा क्योंकि यहां बहुत कम समय में अच्छे कार्य हुए हैं।

पायलट ने शिक्षा संसाधनों में निवेश को सबसे श्रेष्ठ बताया और कहा कि राजस्थान में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21 वीं शताब्दी भारत के विद्यार्थियों की है। इसके लिए वर्तमान आवश्यकताओं और तकनीकी योग्यताओं के अनुरूप शिक्षा ग्रहण कर आगे आने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के भवनों को तापमान व पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए नई ईकोलोजिकल तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है इससे ऊर्जा की कम खपत होगी और सुविधाएं भी मिलेगी।

उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय के विकास के लिए अब तक 200 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं। आगामी 5 वर्ष में एक हजार करोड़ रूपये व्यय करने की योजना है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे देश को 21 वीं शताब्दी में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए पूरे मनोयोग से अपनी योग्यता व प्रतिभा को निखारें।

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