भीलवाड़ा – ग्राम पंचायत कोशीथल द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समिति को जारी किए पट्टे की जांच की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आज कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिला कलक्टर डॅा. टीना कुमार ने गंगापुर के उपखण्ड अधिकारी को जीएसएस द्वारा चलाए जा रहे निर्माण कार्य को रूकवा कर जांच करने के आदेश दिए। जानकारी के अनुसार ग्राम सेवा सहकारी समिति के वर्तमान में 2 भवन बने हुए हैं। पुराने भवन के पूर्व दिशा में 28 फीट चैड़ी भूमि रिक्त पड़ी हुई हैं। ग्रामीणों ने इस रिक्त भूमि में आम रास्ता देने की मांग की हैं।
उल्लेखनीय हैं कि ग्रामीणों ने वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर ग्राम सेवा सहकारी समिति के पास रास्ता देने की मांग की थी। तब तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी ने मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच की। उपखण्ड अधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार ग्राम सेवा सहकारी समिति ने राज्य सरकार की गैर मुमकिन आबादी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा हैं। उन्होंने सहकारी समिति के विरूद्ध धारा 90 व सपठित धारा 91 की कार्यवाही करने के निर्देश भी जारी किए थे साथ ही ग्राम पंचायत को निर्देशित किया था कि ग्राम सेवा सहकारी समिति को गैर मुमकिन आबादी भूमि का पट्टा जारी नहीं किया जाए। बावजूद ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2013 में सहकारी समिति को पट्टा जारी कर दिया गया। जिससे समिति के पीछे बसी कॅालोनी मंे जाने का रास्ता ही नहीं बचा।
उपसरपंच व वार्ड पंचों ने की रास्ता देने की मांग
ग्राम पंचायत कोशीथल के उपसरपंच नारायण लाल जाट, वार्ड पंचों व पंचायत समिति सदस्य लोकेश सिंह ने जिला कलक्टर को पत्र सौंपकर ग्राम सेवा सहकारी समिति के पट्टे की जांच करवाने व समिति के पीछे बसे परिवारों को राज्य सरकार की भूमि में से रास्ता देने की मांग की।
विदित रहे कि ग्राम सहकारी समिति द्वारा वर्तमान में 16000 वर्ग फीट से अधिक भूमि पर कब्जा कर रखा हैं, जिसे एसडीओ ने अवैध कब्जा माना। पंचायत द्वारा सहकारी समिति को निःशुल्क पट्टा जारी किया गया जो पंचायतीराज अधिनियम की धारा 159 के तहत 15000 वर्ग फीट भूमि का हो सकता हैं। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर से पट्टा निरस्त करने और राज्य सरकार की भूमि को समिति के कब्जे से मुक्त कराकर आमजन के लिए रास्ता दिलवाया जाए।
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