रिसर्जेंट राजस्थान से पहले कॉल ड्राप समस्या से निजात दिलाने की कवायद

सरकारी इमारतों पर भी टॉवर लगाने का फैसला, पुलिस संरक्षण भी मिलेगा
jaipur newsजयपुर, 04 अक्टूबर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की साख से जुड़े रिसर्जेन्ट राजस्थान के आयोजन से पहले, कॉल ड्राप की गंभीर हो चुकी समस्या का निपटारा करने के लिए राज्य सरकार ने कठोर कदम उठाना षुरू कर दिया है। जहां कहीं भी मोबाइल टावरों की जरूरत है वह तेजी से लगें और जहां लगाने में कोई बाधा है तो उसे तुरंत दूर किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बारे में पहले ही चिंता जता चुके हैं और दूरसंचार मंत्री रविषंकर प्रसाद ने पिछले दिनों ही वसुंधरा राजे को पत्र लिखा हैं।
इस बात को मद्देनजर सरकार ने तय किया है कि मोबाइल टावर लगाने के लिए जहां जरूरत हो सरकारी भवनों का भी उपयोग किया जा सकेगा। मुख्य सचिव सी. एस. राजन की अध्यक्षता में पिछले बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक राज्य सचिवालय में आयोजित की गई जिसमें इस पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा कर कई निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री चाहती हैं कि रिसर्जेंट राजस्थान से पहले तीव्र गति की इन्टरनेट सुविधा उपलब्ध हो, इस लिए 4 जी एलटीई तकनीक सेवा देने वाली सैल्यूलर कंपनी रिलायंस जिओ के अधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया ताकि उनकी सेवाओं के काम में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके।
नगरीय विकास विभाग ने एक माह पहले ही मोबाइल टॉवर लगाने की एक नीति जारी की जिसमें स्कूल और अस्पतालों से टॉवर दूर लगाने की बात की गई थी। लेकिन पिछले बुधवार की बैठक में कहा गया कि इसके अलावा भी बड़ी संख्या में सरकारी भवन हैं जहां टॉवर लगाए जा सकते हैं। राज्य सरकार जलदाय विभाग की पानी की टंकियों पर एंटिना या माइक्रोसैल लगाने और बिजली कंपनियों के खम्भों पर ऑप्टिकल फायबर केबल ले जाने की इजाजत पहले ही दे चुकी है जिसके नियम और किराया भी तय हो गया है। अब सरकारी इमारतों पर टावर लगाने के बारे में नियम एक पखवाड़े में तय किए जाऐंगे।
जानकार सूत्रों के अनुसार रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान समारोह स्थल को तो पूरी तरह वॉय-फॉय किया ही जाएगा, जितना संभव होगा जयपुर षहर में भी नेट कनेक्टिविटी में कोई बाधा नहीं आए इसके उपाय सुनिष्चित किए गए। तय हुआ कि 4 जी सेवा के आधारभूत ढांचे को खड़ा करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए मोबाइल टावर खड़ा करने में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया जाएगा। सरकारी इमारतों पर भी टॉवर या माइक्रोंसैल लगाने की इजाजत दी गई वहीं जन विरोध के कारण कहीं टॉवर लगाने से रोकने की कोषिष हुई तो सरकार पुलिस की मदद भी उपलब्ध करवाएगी।
नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अषोक जैन के स्तर पर कंपनी के टॉवर लगाने के जितने आवेदन षहरी निकायों में विचाराधीन हैं उन्हे किसी भी सूरत में एक माह में निपटाया जाएगा। साथ ही जहां टॉवर लगाने की और जरूरत है उसके लिए कंपनी आवेदन प्रस्तुत कर तुरंत एनओसी प्राप्त करेगी। सभी जिला कलैक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इसके लिए निर्देष दिए जा रहे हैं।
बैठक में स्थानीय निकाय विभाग, षहरी विकास, गृह एवं विधि विभाग के अलावा जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम जयपुर के अधिकारी भी थे।
जगदीश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

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