आगामी शिक्षा सत्र से विद्यार्थियों को नवीन पाठ्यक्रम

v devnani 1जयपुर, 3 नवम्बर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि आगामी शिक्षा सत्र से विद्यार्थियों को नवीन पाठ्यक्रम पढऩे को मिलेगा। इसमें राज्य के वीर-वीरागनाओं, राष्ट्रीय महापुरूषों के जीवन चरित्र के साथ ही पढ़ाने के ऐसे तरीकों पर जोर दिया जायेगा, जिससे बालकों के मस्तिष्क में राष्ट्रीयता का भाव जगे और वे देश के लिए कुछ करने की सोचे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पाठ्यक्रम में कक्षा 1 से 5 तक 75 प्रतिशत भाग राजस्थान का एवं 25 प्रतिशत हिस्सा शेष भारत से जुड़े ज्ञान का होगा। कक्षा 6 से 8 में 50 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का और 50 प्रतिशत भारतीय संस्कृति का होगा। विश्व संस्कृति से जुड़ा ज्ञान हम विद्यार्थियों को कक्षा 9 के पाठ्यक्रम से प्रदान करेंगे ताकि विद्यार्थी पाठ्यक्रम से बोझिलता को अनुभव नहीं करे।
प्रो. देवनानी आज यहॉ राजस्थान शिक्षक संघ(राष्ट्रीय) के राज्य स्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यालय पाठ्यक्रम में आमूलचूल परिवर्तन किये जाने के साथ ही नये शिक्षा सत्र से विद्यार्थियों को भारत के वैज्ञानिकों पर भी अलग से पुस्तक तैयार कर दी जा रही है। इससे नई पीढ़ी को भारतीय वैज्ञानिक सम्पन्नता का बोध हो सकेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि पॉंचवी में जिला स्तर पर मूंल्याकन परीक्षा कराये जाने पर भी शीघ्र पहल की जायेगी। उन्होंने कहा कि हम यह प्रयास कर रहे है कि हर तीन माह में विद्यार्थियों के द्वारा की जा रही पढ़ाई का मूंल्याकन हो। इससे शिक्षण में जहॉं कमी दिखेगी, उसका सुधार किया जा सकेगा। उन्होंने डिजीटल इंण्डिया के तहत विद्यालयों में कम्प्यूटर की उपलब्धता के साथ ही कम्प्यूटर शिक्षक उपलब्ध कराने के लिए भी हर संभव प्रयास करने का विश्वास दिलाया।
प्रो. देवनानी ने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि आगामी 31 दिसम्बर तक शिक्षा विभाग का पूरी तरह से डिजीटलाईजेशन हो जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों से संबंधित तमाम सेवा रिकार्ड कम्प्यूटर में दर्ज किये जा रहे है। बड़े पैमाने पर इस संबंध में कार्य कर भी लिया गया है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने शिक्षकों के सैटअप परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में 65 हजार शिक्षकों का सैटअप परिवर्तन होने जा रहा है। हमारा प्रयास है कि दिसम्बर माह तक सभी प्रकार के पदस्थापन कर दिये जाये। उन्होंने कहा कि अगले शिक्षा सत्र से पहले पहले स्थानान्तरण नीति बनाकर उसे लागू कर दिया जायेगा। उन्होंने विद्यालयों में विद्युत उपलब्धता के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में कहा कि अगले सत्र तक सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाये, ऐसा हमारा प्रयास है।
विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा नामांकन बढ़ाने के लिए किये गये प्रयासों से राज्य में 9 लाख से अधिक नामांकन वृद्घि की सराहना करते हुए, प्रो. देवनानी ने कहा कि ठहराव के लिए भी शिक्षक समर्पित होकर कार्य करें। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में योग और सूर्य नमस्कार प्रारंभ किये जाने के सकारात्क परिणाम आये है। अजमेर स्थित ई.टी सैल से हमने योग शिक्षा पर आधा घंटे की सी.डी. भी बनवाई है, विद्यालयों में इसे भेजा जा रहा है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने शिक्षक संघों का आह्वान किया कि वे अपनी मॉंगों के लिए कार्य करे, परन्तु उद्वेलित नहीं हों और धैर्य रखें। बड़े पैमाने पर सुधार के कार्य होगें तेा कुछ विसंगतिया भी रह जाती है। इन्हें दूर करने के प्रयास भी निरन्तर किये जायेगें। उन्होंने आई.टी को टी.आई. में बदलने का आह्वान किया तथा कहा कि इनफोरमेशन टेक्नॉलोजी की बजाय अब थिंक इण्डिया पर विचार करने का समय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ अक्षर ज्ञान देना नही है। इ क्यू और एस क्यू के अन्र्तगत भावनात्मक और आध्यात्मिकता से भी बच्चों को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में अकबर महान् की बजाय प्रताप महान् की शिक्षा दिये जाने की पहल हुई है और वीर दुर्गा दास, हेमु कालानी, सुरज मल आदि के पाठ सम्मिलित किये गये है। हमारा प्रयास है कि नैतिक शिक्षा एवं चारित्रिक विकास पर अधिक ध्यान दिया जाये।
प्रो. देवनानी ने शिक्षक संगठनों को सकारात्मक बदलाव के वाहक बनने का आह्वान किया तथा कहा कि नई शिक्षा नीति शीघ्र ही लागू होने जा रही है, इसमें बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा दी जाये- इस संबंध में वे सुझाव दें। उन्होंने शिक्षक संघों की मांगों पर किये कार्यो के बारे में जानकारी दी तथा कहा कि प्रयास किया जायेगा कि शिक्षा में सकारात्मक बदलाव की मांगों पर गम्भीरता से अमल किया जाये।
मुख्य वक्ता के रूप में राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जे.पी. सिघल ने राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय द्वारा किये जा रहे कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षक समाज को बदलने का माद्दा रखता है। उन्होंने स्कूली शिक्षा के लिए किये गये नये प्रयासों को अभूतपूर्व बताया।
सम्मेलन में राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के महामंत्री श्री देवलाल गोचर ने राज्य में शिक्षा क्षेत्र में हुए विकास तथा बढ़े नामांकन के लिए किये गये कार्यो के लिए राज्य सरकार की सराहना करते हुए प्रदेश महा समिति अधिवेशन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। श्री प्रहलाद शर्मा ने कहा कि शिक्षा में सकारात्मक बदलाव की पहल हुई है। इस अवसर पर श्री महावीर प्रसाद सिंहल, बसंत जिंदल आदि ने भी विचार रखे। अध्यक्ष श्री रामवतार शर्मा ने सभी का आभार जताया।

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