रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संसद में उठाया दुर्ग के विकास का मसला
नियम 377 के तहत सरकार से की दुर्ग के विकास की मांग
राजसमन्द। सांसद और भाजपा के प्रदेश महामन्त्री हरिओम सिंह राठौड़ ने संसद मे विश्व विख्यात कुंभलगढ़ के ऐतिहासिक दुर्ग के समग्र विकास का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले बजट में केंद्र सरकार द्वारा विश्व धरोहर के रूप में अंकित यह दुर्ग अपने सम्पूर्ण विकास की बाट जो रहा हे। राठौड़ ने कहा कि पुरे विश्व में चीन की ऐतिहासिक दिवार के बाद कुंभलगढ़ का दुर्ग और इसकी प्राचीर ही ऐसा एतिहासिक स्थल हे जो अपनी लम्बाई के साथ ही अजेय दुर्ग के रूप में जाना जाता हे लेकिन पर्यटन की दृष्टि से यह दुर्ग विकसित नही हो पाने की वजह से अपनी चरम प्रसिद्धि को तरस रहा हे। संसदीय क्षेत्र मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया की सांसद राठौड़ ने लोकसभा में नियम 377 के तहत दुर्ग के विकास का मसला उठाते हुए कहा कि महाराणा कुम्भा द्वारा निर्मित यह दुर्ग अकल्पित और ऐतिहासिक हे जिसमें शिव मन्दिर के साथ ही अन्य धर्मों के मन्दिर भी स्थित हे जिसका समुचित विकास किया जाय तो प्रसिद्धि के मामले में चीन की दिवार के समकक्ष लाया जा सकता हे। दुर्ग के चारों और विशाल जंगल और खाइयों की वजह से यह आज भी देशी और विदेशी सैलानियों का पसन्दीदा स्थल बना हुआ हे लेकिन अगर दुर्ग में म्यूजियम के साथ साथ दर्शनीय सामग्री और तथ्यों को भी स्थापित किया जाय तो सही मायने में इस दुर्ग को विश्व धरोहर की श्रेणी में लाया जा सकता हे। राठौड़ ने लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से केंद्र सरकार से ये मांग रखी और कहा कि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से हजारो परिवारो को रोजगार मिलेगा एँव बेरोजगारी से जूझ रहे इस क्षेत्र को भी राहत मिलेगी।