हल्दीघाटी युद्ध क्षेत्र राष्ट्रिय गौरव का केंद्र बने

महाराणा प्रताप के शौर्य की गूंज लोकसभा में
संसद में उठाया राष्ट्र के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हल्दीघाटी के विकास का मुद्दा

hari om singh rathour 2राजसमन्द। सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामन्त्री हरिओम सिंह राठौड़ ने प्रातःस्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की कर्म भूमि और विश्व विख्यात हल्दीघाटी के विकास का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए कहा की राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में स्थित हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और मुग़ल शासक अकबर के मध्य लड़ा गया यह युद्ध, राष्ट्र का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ा गया युद्ध माना जाता हे जिसमे अकबर की विशाल सेना होते हुए भी महाराणा प्रताप ने विदेशी ताकतों की प्रभुसत्ता को अस्वीकार कर दिया था और अपनी विपरीत परिस्थितियों के होते हुए भी अपने सीमित साधनो के दम पर आतताइयों को लोहे के चने चबवा दिए और अपनी मातृ भूमि की स्वतंत्रता से कोई समझोता नही किया ऐसे राष्ट्र गौरव और देशभक्त महाराणा प्रताप की कर्म भूमि हल्दीघाटी का समुचित विकास होना चाहिए।
भाजपा संसदीय क्षेत्र मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि गुरुवार को संसद के शीतकालीन सत्र के शून्यकाल में सांसद राठौड़ ने लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से सदन को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व भर में जँहा जँहा भी ऐसे युद्ध हुए हे वह क्षेत्र आज उन राष्ट्रों के गौरव का केंद्र बने हुए हे। हल्दीघाटी स्वतंत्रता संग्राम भी हमारे भारत राष्ट्र के लिए गौरव का विषय हे।
सांसद ने केंद्र सरकार से युद्ध क्षेत्र के विकास की माँग करते हुए कहा की हल्दी घाटी के इस युद्ध क्षेत्र की विस्तृत रुपरेखा तैयार कर विकास किया जाय तो पूरे राष्ट्र के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए देशभक्ति का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत होगा। यही नही विकास के इस नए आयाम से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वंही देशी विदेशी सैलानियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने से क्षेत्र में फेल रही बेरोजगारी की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।

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