अन्तर राशि का भुगतान ब्याज सहित भुगतान के आदेश

(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)
jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, विरजानन्द प्राथमिक विद्यालय, अजमेर (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थीगणों को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अन्तर्गत वेतन स्थिरीकरण राज्य कर्मियों के समान करते हुए वेतन के अन्तर की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण कृष्ण चैतन्य व्यास की नियुक्ति दिनांक 01.01.1997 को सहायक अध्यापक के पद पर एवं श्रीमती सरोज शर्मा की नियुक्ति दिनांक 07.02.1986 को सहायक अध्यापक के पद पर तथा श्रीमती शान्ता टेकचन्दानी की नियुक्ति सहायक अध्यापक के पद पर दिनांक 15.12.1979 को अप्रार्थी संस्था में हुई। जो चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। उक्त प्रार्थीगण का समायोजन राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम 2010 के अनुसार राजकीय सेवा में हो गया परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थीगण को छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया गया तथा यह कहा गया कि प्रार्थीगण का समायोजन राज्य सेवा में हो जाने के कारण राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अन्तर्गत वेतन स्थिरीकरण का दायित्व राज्य सरकार का है। राज्य सेवा में समायोजन के पश्चात् प्रार्थीगण द्वारा उक्त लाभ देने हेतु बार-2 निवेदन किया गया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात् प्रार्थीगण ने जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थीगण की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 80 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है तथा जब छठा वेतन आयोग लागू हुआ तब प्रार्थीगण अप्रार्थी संस्था के कर्मचारी थे इसलिये प्रार्थीगण राज्य सेवा में समायोजन की दिनांक तक के समस्त सेवा लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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