संतों और आमजन की सहभागिता से अभियान बन रहा है जन आंदोलन

DSC_0502जयपुर, 16 फरवरी। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा कि संतों के आशीर्वचन और जन सहभागिता का परिणाम है कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ पूरे प्रदेश में जल आंदोलन के रूप में उभर रहा है। अगर जनसमूह ने जल सरंक्षण के भाव को पूरी तरह आत्मसात कर लिया तो इस जल क्रांति को जन क्रांति बनने से कोई भी नहीं रोक पाएगा।
श्रीमती माहेश्वरी मंगलवार को जल भवन में आयोजित धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक का उद्देश्य ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में धार्मिक ट्रस्टों और संगठनों की भागीदारी को और अधिक प्रभावी बनाना और योजनाओं का शीघ्र क्रियान्वयन पर जोर देना था।
जलदाय मंत्री ने कहा कि 27 जनवरी से शुरू हुए ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ में प्रदेश भर में करीब 2 हजार संतों के कर कमलों से इस पुनित योजना का श्री गणेश हुआ। आगामी जून माह तक लोगों की सहभागिता से राज्य के साढ़े तीन हजार से ज्यादा गांव जल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति, हर तरह से इस पुनित काम में सहभागिता निभाएगा तो जल संकट का मुकाबला करना आसान होगा।
जलदाय मंत्री ने कहा कि संभवतया यह पहला ऐसा सरकारी अभियान होगा, जिसमें संत और महात्माओं विशेष दर्जा दिया गया, मंत्रीगण और जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम की अध्यक्षता करते नजर आए। उन्होंने कहा कि आमजन की सहभागिता से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का राज्य को जल के मामले में स्वावलंबी बनाने का स्वप्न जल्द ही पूरा होगा।
राजस्व मंत्री श्री अमराराम ने कहा कि अभियान में प्रदेष भर के संत-महात्माओं और आमजन ने बढ़-चढ़कर सहभागिता दिखाई है। हर व्यक्ति किसी भी न किसी तरह सहयोग करता नजर आया है। संतों की आवाज पर लोग अपने गांवों की किस्मत अपने हाथों लिखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ‘जल है तो कल है’ की भावना आमजन को समझ में आने लगी है। इसका फायदा आमजन को तब मिलेगा जब उनके क्षेत्र में पेयजल की कमी नहीं रहेगी।
बैठक में निम्बार्क तीर्थ, सलेमाबाद (अजमेर), चंद्रप्रभु दिगम्बरी मंदिर, तिजारा (अलवर), मातारानी भटियानी मंदिर, जसोल (बाड़मेर), गुरुद्वारा बूढ़ा जोहड़, रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर), गोविन्ददेव जी मंदिर (जयपुर), भवाल माता, नागौर, रणकपुर ट्रस्ट, पाली, मूछल महावीर ट्रस्ट, घाणेराव (पाली), शाकंबरी माता मंदिर, सीकर, घुश्मेश्वर मंदिर, शिवाड़ (सवाई माधोपुर) समेत कई धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे। इस अवसर पर आए प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में कार्य करने के लिए सुझाव लिए गए। सभी ट्रस्टों और धार्मिक संगठनों से आए प्रतिनिधियों प्रकोष्ठ को आश्वस्त किया कि वे इस अभियान को सफल बनाने में तन-मन और धन पूरी तरह से मदद करंेगे।
इस अवसर पर देवस्थान विभाग के आयुक्त श्री अशोक यादव सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

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