हल्दी घाटी के चैत्री गुलाब की खुशबु संसद में

नियम 377 में सांसद राठौड़ ने उठाया गुलाब उगाने वाले किसानो के संरक्षण का मुद्दा

hari om singh rathour 2राजसमन्द। सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामन्त्री हरिओम सिंह राठौड़ ने हल्दीघाटी के चैत्री गुलाब की फसल पैदा करने वाले किसानो के संरक्षण का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए कहा की चैत्री गुलाब की जो प्रजाति हल्दीघाटी में हे वो विश्व में कँही भी नहीं हे। संसदीय क्षेत्र मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि सांसद राठौड़ ने बजट सत्र के बाद बुधवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को चैत्री गुलाब पैदा करने वाले किसानो को सहयोग और संरक्षण करना चाहिए। सांसद ने कहा कि हल्दीघाटी क्षेत्र में उगने वाला गुलाब अपने आप में विशिष्टा लिये होता हे जिसकी खुशबु अद्वितीय हे, इस प्रकार की खुशबु विश्व के अन्य गुलाबों में नहीं पायी जाती हे इसका प्रमुख कारण हल्दीघाटी की माटी एंव वँहा की जलवायु हे जो इस फूल को इतनी खुशबु और सुंदरता प्रदान करता हे। राठौड़ ने कहा कि इस फूल के माध्यम से गुलकंद और गुलाबजल बनाया जाता जो स्वास्थ के लिए लाभदायक हे, जिससे क्षेत्र के किसानो के साथ साथ गृह उद्योग को भी बढ़ावा मिलता हे और रोजगार उत्त्पन्न करता हे । गुलाब की यह फसल प्राप्त करने में किसानो की मेहनत के साथ साथ मौसम का भी योगदान रहता हे, अगर सर्दी ज्यादा पड़ जाती हे तो गुलाब की फसल बर्बाद हो जाती हे और किसानो को कुछ भी हाथ नहीं लगता जिससे किसानो को आर्थिक हानि होती हे। में आसन के माध्यम से सरकार का ध्यान इस और आकर्षित करना चाहूँगा की हल्दीघाटी क्षेत्र के किसानो का यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब चैत्री गुलाब की यह फसल या प्रजाति ही विलुप्त हो जाएगी इसलिए सरकार को एक ठोस योजना बना कर गुलाब उगाने वाले किसानों का सहयोग और संरक्षण देना चाहिए ताकि उन्हें होने वाली आर्थिक हानि से बचाया जा सके।

error: Content is protected !!