धोरो मे अनार कि खेती

IMG_20160316_092909धोरीमन्ना बाङमेर / अ से ‘अनार ‘आ से ‘आम’इ से ‘इमलीई’ ई से ‘ईख’ हिन्दी वर्णमाला के ये अक्षर अध्यापक बालूराम बिश्नोई के जिवन में ऐसे रच-बस गए कि पहले सरकारी शिक्षक बन गये । फिर अ का प्रयोग खेती मे करने लगे । बालूराम बिश्नोई स्कुल में बच्चो को पढाने के बाद अपने खेत को अ फसल से शुरू कर दिया । बालूराम बिश्नोई के पैत्रक गाव गडरा मे अनार के बगीचे नजर आते है । अध्यापक बालूराम बिश्नोई का कहना है कि शुरू आत में परेशानी आने पर इसके लिए वे महाराष्ट्र गुजरात से जानकारों को बुलाते थे, लेकिन अब वे खुद दुसरे किसानो को पूरी प्रणाली की जानकारी देते है । अनार कि जानकारी के लिए दूर-दराज क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं।

थार के अनार की विदेशों में भी मांग होने कि संभावनाए है

थार में अनार की बंपर पैदावार की बात सुनने पर किसी को यकीन नहीं आता, मगर यह करिश्मा स्थानीय किसानों ने कर दिखाया है। अनार भी सबसे उम्दा सेंदूरी (भगवा) किस्म की, जिसकी विदेशों तक में मांग रहती है। सिवाना सिणधरी बालोतरा गुङामालानी इनकी पहल के बाद धोरीमन्ना क्षेत्र के किसान अध्यापक बालूराम बिश्नोई ने भी अपने खेत में बगीचे लगाए है धोरीमन्ना क्षेत्र के गडरा गाव में अच्छी फसले तैयार हो रही है । किसान अध्यापक बालूराम बिश्नोई का खेत बजर हो चूका था यहा पर बाजरी होना भी कम शुरू हो गयी थी तब उनहोने जालोर से चिकनीे मिटी अपने खेतो मे डालकर खेत को अनार से हर भरा कर दिया है किसान अध्यापक बालूराम बिश्नोई ने 2500 पौधे अनार के 3.5 हैक्टर मे बगीचा लगाया है । वही उनके रिस्तेदार जगदीश खिचङ ने 2000 पौधे लाये है ।
यहां दूर-दराज से लोग एव व्यापारी फसले देखने पहुंचते हैं, लेकिन नजदीक में मंडी लग जाए तो किसानों को अनार की बिक्री में और सहुलियत मिलेगी। साथ ही अनार की पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी। बाङमेर जिला स्तर पर हो रहे उत्पादन के चलते फल मंडी का निर्माण जरूरी है।
अध्यापक बालूराम का कहना कि अनार की खेती का काम ज्यादा मुश्किल नहीं है। देखरेख ज्यादा करनी पड़ती है। हर दृष्टि से अनार की खेती लाभप्रद होने पर इसकी खेती कर रहे हैं। अध्यापक बालूराम बिश्नोई ने अपने खेत मे अनार के बिच दूरी में अरण्डी कि फसल भी लगाई है ।

Suresh Dhaka

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