बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश

छठे वेतन आयोग का लाभ देते हुये बकाया राशि का भुगतान, चयनित वेतनमान का लाभ, ग्रेच्यूटी की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur samacharजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, के. डी. जैन शिक्षण परिषद, मदनगंज किशनगढ़, अजमेर (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थी भॅंवर सिंह के वेतन का स्थिरीकरण राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अन्तर्गत करते हुये बकाया वेतन की अन्तर राशि का नकद भुगतान करे तथा प्रार्थी को चयनित वेतनमान का लाभ प्रदान करे एवं मंहगाई भत्ते की बकाया राशि का भुगतान तथा अन्तिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान एवं प्रार्थी ने जिस दिन तक अप्रार्थी संस्था में कार्य किया है उस दिन तक के वेतन का भुगतान बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भॅंवर सिंह की नियुक्ति दिनांक 01.12.1982 को चतुर्थ श्रैणी कर्मचारी के पद पर अप्रार्थी संस्था में हुई थी जो चयन समिति द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया अपनायी जाकर हुई थी। प्रार्थी का समायोजन स्वेच्छिक ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम 2010 के अन्तर्गत राज्य सरकार में हो गया, परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थी को छठे वेतन आयोग का लाभ, चयनित वेतनमान का लाभ, मंहगाई भत्तों की बकाया राशि, उपदान की राशि एवं उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि तथा माह अप्रेल, 2011 से जुलाई, 2011 तक के वेतन एवं भत्तों का भुगतान नहीं किया गया। राजकीय सेवा में समायोजन के पश्चात् प्रार्थी द्वारा उक्त लाभ देने हेतु कई बार निवेदन किया गया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात् प्रार्थी ने परेशान होकर जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थी की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है इसलिये अप्रार्थी संस्था पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 और नियम, 1993 के प्रावधान लागू होते है और उक्त नियमों एवं प्रावधानों के अनुसार प्रार्थी उपरोक्त समस्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त सभी लाभ बकाया होने की दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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