आयोग का काम राज्यों में गुड गवर्नेस की स्थापना

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस के.जी बालाकृष्णन का कहना है कि आयोग की भूमिका सरकार के खिलाफ जाना नहीं बल्कि राज्यों में गुड गवर्नेस की स्थापना में सहायक बनना है।

आयोग हर हाल में मानवाधिकारों की सुरक्षा चाहता है। इन अधिकारों का किसी भी रूप में हनन नहीं होना चाहिए। जयपुर के ओटीएस में आज अनुसूचित जाति के खिलाफ अत्याचारों के मामलों की दो दिवसीय सुनवाई कार्यक्रम के उद्घाटन मौके पर बालाकृष्णन ने देश में मानव अधिकारों की स्थिति पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में सर्वाधिक 7.6 प्रतिशत अपराध एसटी वर्ग के खिलाफ दर्ज हैं। यह 2.8 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। सुनवाई में प्रदेशभर से इस तबके से जुड़ी 115 दर्ज मामलों की सुनवाई होगी। सुनवाई में जस्टिस बीसी पटेल और सत्यब्रत पॉल की दो अलग-अलग बैंच बनाई गई हैं।

बालाकृष्णन ने बताया कि इससे पहले ओडिशा, गुजरात और तमिलनाडू में इस तरह की सुनवाई कर करीब 600 से ज्यादा सुनवाई कर कई मामलों में मौके पर ही पीडि़त को राहत दी गई।

मुख्य सचिव सीके मैथ्यू ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग में सुधार के लिए महलवपूर्ण फैसले किए हैं। राज्य में 31 हजार एससी परिवारों को जमीन एलॉट की गई है। जिला और राज्य स्तर पर नियमित बैठकें भी हो रही है। विशेष कोर्ट के माध्यम से 25 जिलों में इन्हें न्याय दिलाने के लिए कोर्ट बनाई गई है।

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