कोयले की कालिख पहुंची राजस्थान तक

देश की राजनीति में पिछले एक माह से तूफान मचाने वाले कोयला घोटाला मामले की कालिख से राजस्थान भी अछूता नहीं रहा। कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में राजस्थान से दो बार राज्यसभा सदस्य रहे पूर्व कोयला राज्यमंत्री संतोष बागड़ोदिया, उनके रिश्तदारों एवं निकटस्थ राजनीतिज्ञों के भी नाम सामने आए है।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राजस्थान के भीलवाड़ा के निवासी बागडोदिया ने कोयला आवंटन मामले में नियमों के विपरीत जाकर अपनों की मदद की।

जानकारी के मुताबिक बागड़ोदिया की सिफारिश पर वर्ष 2006 से 2010 के बीच थीम मिनेक्स इंडिया नाम की एक कम्पनी को कोयला खान ठेका मिला, जिसके दस प्रतिशत शेयर उनके भाई के पास हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने दिसम्बर 2010 में पाकरी-बरवाडीह कॉल ब्लॉक का यह ठेका ज्वाइंट वेंचर की निजी कम्पनी थीस मिनेक्स इंडिया को दिया। एनटीपीसी को वर्ष 2006 और वर्ष 2008 के बीच इस कोल ब्लॉक का कॉन्ट्रैक्ट 27 वर्ष के लिए मिला था। एनटीपीसी को मिले कॉन्ट्रैक्ट की कीमत करीब 23 हजार करोड़ रुपए थी। इस ब्लॉक के लिए टेंडर प्रक्रिया में कॉमर्शियल बिड जमा करने का काम उस वक्त पूरा हुआ जब बागडोदिया केन्द्र सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे।

जानकारी के मुताबिक खास बात यह कि टेंडर पाने की होड़ में जो सरकारी कम्पनी सिंगरेनी कोलेरीज बाहर हुई, उसकी रिपोर्टिग संतोष बागडोदिया के पास ही थी। बागडोदिया अप्रैल 2008 से मई 2009 के दौरान केन्द्र की संप्रग सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे और उस समय मंत्रालय का केबिनेट प्रभार खुद प्रधानमंत्री के पास था। थीस मिनेक्स एक ज्वाइंट वेंचर कम्पनी है, जिसके 90 प्रतिशत शेयर थीस प्रो. लि. के पास हैं, जो कि थी पीटीवाई ऑस्ट्रेलिया की 100 प्रतिशत सब्सिडियरी कम्पनी है। थीस मिनेक्स कम्पनी के 10 प्रतिशत शेयर मिनेक्स सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं, जो कि 100 प्रतिशत कुप्रम बागडोदिया लिमिटेड की सब्सिडियरी कम्पनी है। कुप्रम बागडोदिया लिमिटेड मालिकाना हक बागडोदिया के परिजनों के नाम है, उनके के भाई विनोद और भतीजे सोंगीत इसके निदेशक हैं।

खान मंत्रालय में तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बागडोदिया से जुडे़ राजस्थान के कई कांग्रेसजनों एवं व्यापारियों ने उनके मंत्री रहते हुए कोयला मंत्रालय से जमकर फायदा उठाया था।

गौरतलब है कि बागडोदिया भीलवाड़ा के मूल निवासी है और दो बार कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रहे है। कांग्रेस की महत्वपूर्ण समितियों में सदस्य भी रहे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने केन्द्रीय मंत्री डॉ.सी.पी.जोशी का समर्थन नहीं किया था। इसके बाद कुछ समय पूर्व हुए राज्यसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ निर्दलिय चुनाव लड़ा और भारी अंतर से पराजित हुए। इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं जोशी काफी नाराज हुए। दोनों ने केन्द्र सरकार एवं कांग्रेस में अपनी हैसियत का उपयोग करते हुए अब बागड़ोदिया के खिलाफ जांच कराने की प्रक्रिया शुरू कराई है। इसके अतिरिक्त बागड़ोदिया से जुडे़ अन्य मामलों को भी मुख्यमंत्री एवं जोशी के निकटस्थ राजनेता एवं अधिकारी खोज रहे है।

error: Content is protected !!