बाड़मेर, 29 मई। जिले में पल्स पोलियो अभियान तथा स्वच्छता पखवाड़े को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुढ़ामालानी सहित तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व छह उप स्वास्थ्य केन्द्रों की जांच की। जांच में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर साफ-सफाई नहीं मिलने पर आवष्यक निर्देष दिये।
सीएमएचओ डॉ.सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने बताया कि पीपीपी मोड पर संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की जांच की गई। जांच में केन्द्र पर एमओयू के निर्देषों की पालना करने तथा विषेषज्ञ चिकित्सकों लगाने के लिये आवष्यक निर्देष दिये। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रिकॉर्ड की भी जांच की। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बटाला, नगर व दाखां की जांच की गई। दाखां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर साफ-सफाई की कमी पाई गई। आरसीएच रजिस्टर भी अपूर्ण व गलत भरा हुआ मिला। इस पर चिकित्सा प्रभारी को आवष्यक निर्देष दिये गये। इसी तरह उप स्वास्थ्य केन्द्र हेमपुरा,धनवा, बोरावास, कीटपाला, टापरा, जागसा का निरीक्षण किया। उप स्वास्थ्य केन्द्र धनवा में बिजली नहीं होने पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। इस पर वैकल्पिक व्यवस्था के लिये सोलर लाईट सिस्टम खरीदने के निर्देष दिये।
स्वास्थ्य विभाग में स्वच्छता पखवाड़ा 31 मई से
बाड़मेर, 29 मई। स्वच्छ भारत अभियान के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में आगामी 31 मई से 13 जून तक प्रथम स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित किया जायेगा। इसके बाद 1 फरवरी से 15 फरवरी 2017 तक द्वितीय स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित कर समस्त चिकित्सा संस्थानों की स्वच्छता की गुणवत्ता में सुधार लाया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के सिंह बिष्ट ने बताया कि 30 मई को प्रातः 10.30 बजे स्वास्थ्य भवन में स्वच्छता अभियान के संबंध में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलवायेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के साथ ही प्रमुख चिकित्सा अधिकारी भी 30 मई को शपथ दिलवाने एवं 30 मई से 13 जून तक स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित कर स्वच्छता की गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे।
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लू-तापघात से बचाव के लिये आमजन को करें जागरूक
बाड़मेर, 29 मई। जिले में अधिक गर्मी के कारण लू-तापघात के रोगी होने की संभावना को मध्यनजर रखते हुये लू-तापघात से बचाव तथा आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ आमजन को बचाव के तरीके बताने के लिये एएनएम व आषा सहयोगिनी घर-घर जाकर जागरूक करें। चिकित्सा संस्थान में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को भी चिकित्सक लू-तापघात से बचाव के तरीके बताये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने रविवार को जिले में चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण में यह निर्देष दिये।
सीएमएचओ ने बताया कि जनसाधारण को लू-तापघात से बचाव एवं उपचार हेतु जानकारी समय-समय पर प्रसारित करने एवं लू-तापघात के रोगियों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सभी चिकित्सा प्रभारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।
लू-तापघात से बचने के लिये जनजागृति आवश्यक है। लू व तापघात के लक्षणों में सिर का भारीपन व सिरदर्द, अधिक प्यास लगना व थकावट, जी मचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान अत्यधिक (105 एफ या अधिक) हो जाना व पसीना आना बंद होना, मुॅह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि शामिल है। लू-तापघात से कुपोषित बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलायें, श्रमिक आदि शीघ्र प्रभावित हो सकते है। तेज धूप में निकलना आवश्यक हो तो ताजा भोजन करके उचित मात्रा में ठंडे जल का सेवन करके बाहर निकलना चाहिए। थोड़े अंतराल के पश्चात ठंडे पानी, शीतल पेय, छाछ, ताजा फलों का रस का सेवन करने, तेज धूप में छाते का उपयोग अथवा कपड़े से सिर व बदन को ढ़ककर रखने एवं श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखना आवश्यक है।