पेयजल योजनाओं में कैटेगराइज्ड उपकरण और उत्पादों का ही होगा इस्तेमाल

kiranजयपुर, 28 जून। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने जलदाय विभाग में और अधिक पारदर्शिता और पेयजल योजनाओं में काम आने वाले उत्पादों और उपकरणों की गुणवत्ता में अधिक सुधार के लिए कैटेगराइजेशन (वर्गीकरण) व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
नई व्यवस्था के अनुसार पेयजल परियोजना में काम में आने वाले सामानों को विभाग ने ए और बी दो श्रेणियों मंे बांटा है। ए कैटेगरी में उन सामानों को शामिल किया जाएगा, जो विभाग की चेकलिस्ट के आधार पर श्रेष्ठतम अंक अर्जित करेंगे। विभाग की ओर से चेकलिस्ट में अलग-अलग आधार पर 91 से 100 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले सामानों को ए कैटेगिरी में शामिल किया जाएगा। इसी प्रकार बी कैटेगरी में चेकलिस्ट में 81 से 90 फीसदी अंक प्राप्त करनेे वाले सामानों को शामिल किया जाएगा।
जलदाय मंत्री ने बताया कि विभागीय पेयजल परियोजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर ए और बी श्रेणी के उत्पादों और उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। महत्वपूर्ण एवं क्रिटिकल स्थानों पर ए श्रेणी में शामिल उपकरणों एवं उप्तादों का उपयोग किया जाएगा, ताकि निर्बाध और गुणवत्तायुक्त पेयजल सप्लाई सुनिश्चित हो सके। वहीं बी कैटेगिरी में शामिल उत्पादों का उपयोग तुलनात्मक रूप से कम महत्वपूर्ण एवं सामान्य स्थानों पर इस्तेमाल किया जाएगा।
जलदाय मंत्री ने इस नवाचार को लागू करने से पहले पांच सदस्यीय अधिकारियों की कमेटी का गठन किया और उन्हें देश के बाकी हिस्सों में लागू इस व्यवस्था के शोध के लिए भेजा। कमेटी ने गुजरात, तेलंगाना, पंजाब, महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों का दौरा किया। कमेटी ने गुजरात मॉडल को बेहतर मानते हुए उनकी प्रणाली में और सुधार करते हुए प्रदेश में लागू करने का निर्णय किया।
श्रीमती माहेश्वरी ने बताया कि पेयजल योजनाओं के सामानों के वर्गीकरण में उन उत्पादों और उपकरणों को लिया गया है, जिनका उपयोग वृहद पेयजल योजनाओं में बहुतायत में होता है और उनकी गुणवत्ता पर योजना काफी हद तक निर्भर रहती है। उन्होंने बताया कि वर्गीकरण में फिलहाल पाइप, पंपसैट, वाल्व और मीटरों को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के मूल्य नियंत्रण एवं गुणवत्ता की आवश्यकता के अनुसार कैटेगिरी ए और बी के उत्पादों को जिन स्थानों पर लगाया जाएगा, उन्हें भी चिन्हित कर लिया गया है। इनसे मिले परिणामों के आधार पर आगे अन्य शेष सामानों का भी वर्गीकरण प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों का उद्देश्य कम लागत में निर्बाध गति से आमजन को पेयजल उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि भले ही विभागीय बीएसआर रेट लागू करने का मामला हो या सामानों के वर्गीकरण की व्यवस्था। सरकार हर वह प्रयास करने के लिए कटिबद्ध है, जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सकें।

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