बारहठ व सरस्वती का साहित्य अमूल्य निधी है: डा. धर्मवीर

शाहपुरा: बारहठ हवेली स्थित राजकीय संग्रहालय में संगोष्ठि का आयोजन

बारहठ संग्राहलय में संगोष्ठि को संंबोधित करते हुए डा. धर्मवीर आचार्य
बारहठ संग्राहलय में संगोष्ठि को संंबोधित करते हुए डा. धर्मवीर आचार्य
बारहठ संग्राहलय के लिए साहित्य व चित्र भेंट करते हुए परोपकारिणी सभा के पदाधिकारी
बारहठ संग्राहलय के लिए साहित्य व चित्र भेंट करते हुए परोपकारिणी सभा के पदाधिकारी
शाहपुरा जिला भीलवाड़ा
केसरीसिंह बारहठ राजकीय संग्रहालय में गुरूवार को परोपकारिणी सभा, अजमेर के तत्वावधान में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान सभा की ओर से संग्रहालय के लिए साहित्य व महर्षि दयानंद के चित्र भेंट किये गये।
संगोष्ठी को परोपकारिणी सभा के प्रधान डा. धर्मवीर आचार्य, मंत्री ओम मुनि, सदस्य प्रो राजेन्द्र जिज्ञासु, सत्येन्द्र सिंह आर्य, प्रवेश कुमार आर्य व मदनलाल आर्य ने संबोधित करते हुए बारहठ परिवार की शहादत व महर्षि दयानंद सरस्वती के बारहठ परिवार से संबंधों पर प्रकाश डाला।
डा. आचार्य ने वैदिक धर्म, अध्यात्म आदि के प्रचारार्थ परोपकारिणी सभा की ओर से किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देकर कहा कि परोपकारिणी सभा का उदेश्य ही दुर्लभ सामग्री को एकत्रित कर उसको संरक्षित करना है। समय समय पर उसका प्रकाशन भी कराया जाता है। उन्होंने कृष्णसिंह बारहठ व महर्षि दयानंद सरस्वती के साहित्य को देश की अमूल्य निधी बताते हुए कहा कि यह युवाओं के लिए सदैव प्रेरणा देने का काम करेगी। उन्होंने शाहपुरा को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि यहां दोनों की कर्मस्थली है।
आर्यवीर प्रवेश कुमार ने कहा कि अमेरिका युरोप में इतिहास जैसा था वैसा ही आज संरक्षित है। भारत में ऐसा नहीं है। यहां इतिहास को सही तरीके से संरक्षित न करने के कारण आज युवाओं के प्रेरणापुंज कम हो गये है। इसे बदलने का वक्त आ गया है। अमेरिका में शहीदों व पूर्वजों को समय समय पर याद किया जाता है वैसे ही हिंदूस्तान में भी होना चाहिए।
सुदर्शन देव चैरीटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी जयसिंह ने कहा कि महर्षि दयानंद के इतिहास को पढक़र प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने चोपासनी संग्रहालय से कृष्णसिंह व महर्षि दयानंद की डायरी तथा राजाधिराज नाहर सिंह की डायरी खोजने में सहयोग का आश्वासन दिया। घुमंतु बोर्ड के पूर्व चैयरमैन गोपाल केसावत ने बारहठ परिवार के इतिहास को घर घर पहुंचाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि साहित्य का ज्यादा से ज्यादा प्रसार होना चाहिए।
इस दौरान परोपकारिणी सभा के पदाधिकारियों ने संग्रहालय में शाहपुरा के ही क्रांतिकारी ठाकुर कृष्णसिंह बारहठ व महर्षि दयानंद सरस्वती के बीच हुए पत्र व्यवहार की प्रतिया व दयानंद सरस्वती का चित्र भेंट किया। इस मौके पर प्रतापसिंह बारहठ सेवा संस्थान के अध्यक्ष परमानंद कुमावत, सचिव कैलाशसिंह जाडावत, शाहपुरा राजपरिवार के जयसिंह, घुमंतु बोर्ड के पूर्व चैयरमैन गोपाल केसावत सहित आर्य समाज के पदाधिकारीगण व शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

बारहठ संग्रहालय में प्रवेश शुल्क लागू
शाहपुरा जिला भीलवाड़ा
शाहपुरा के श्रीकेसरी सिंह बारहठ राजकीय संग्रहालय में अब प्रवेश के लिए गुरूवार से शुल्क लगना प्रांरभ हो गया है। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग वृत अजमेर के अधीक्षक ने आदेश जारी कर शाहपुरा के संग्रहालय में ७ जुलाई से प्रवेश शुल्क व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिये है। आदेश कं मुताबिक संग्रहालय में प्रवेश के लिए व्यवस्क के 20 रूपये, विद्यार्थी के 10 रूपये, विदेशी व्यस्क के 100 रूपये, विदेशी विद्यार्थी के 50 रूपये शुल्क लिया जायेगा।

MOOLCHAND PESWANI
68. GANDHI PURI
SHAHPURA DISTT BHILWARA
MOB-94146 77775

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