अनुबंध के अनुसार आधे स्थानों पर भी नही लगाई एलईडी लाईटस

आयुक्त से की कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की मांग
पुरानी लाईटों की खरीद-फरोख्त में दो करोड़ का घोटाला
लाईट बंद होने पर कंपनी पर जुर्मानें का है प्रावधान

baran samachar(फ़िरोज़ खान)बारां 28 अगस्त। नगर परिषद, बारां की 26 अगस्त को सम्पन्न हुई बोर्ड बैठक में शहर के आमजन को राहत प्रदान किए जाने को लेकर चर्चा की जाकर निर्णय लिए गए, जिसमें बैठक एजेण्डा संख्या-9 पर पार्षद नियाज मोहम्मद ने विद्युत कंपनी ईईएसएल की कार्यप्रणाली को देखते हुए कंपनी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा। बैठक में उपस्थित पार्षद राहुल शर्मा द्वारा इसका अनुमोदन किया गया जिसका बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।

पार्षद गौरव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की ऊर्जा बचाओ योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए सभी नगर निकाय क्षेत्रों में एलईडी लाईट लगाने का निर्णय लिया। इस निर्णय में नगर निकाय क्षेत्रों में लगी हुई पुरानी रोड लाईटस के पावर वाट को आधा करते हुए एलईडी लगाने का निर्णय लिया। केंद्र सरकार की एजेंसी ईईएसएल ने राजस्थान के निकाय क्षेत्रों में वहां के संबंधित पदस्थापित अधिकारी के साथ एक एमओयू (अनुबंध पत्र्र) किया। इसी के तहत बारां नगर परिषद में राजस्थान की भाजपा सरकार के दबाव में तत्कालीन पदस्थापित आयुक्त भगवान सहाय शर्मा एवं कंपनी के प्रतिनिधि विवेक तलवार के मध्य 10 फरवरी 2015 को अनुबंध सम्पन्न हुआ।

इस परिप्रेक्ष्य में भरतपुर जैसे जिले के नगर निकाय अधिकारी द्वारा इस प्रकार के किसी भी अनुबंध को स्वीकार नहीं करते हुए वहां निकाय स्तर पर एलईडी लाईटे लगवाने का प्रस्ताव लिया गया। बारां नगर परिषद में रोड लाईटस से संबंधित जो भी निर्णय लेने होते है, उसमें नगर परिषद बोर्ड की किसी भी प्रकार की कोई हिस्सेदारी तय नही की गई है, किस स्थान पर किस विद्युत पोल पर कितने वाट की एलईडी लगायी जानी है। बारां शहर की बसावट में कंपनी के नियमानुसार रोड़ का मापदण्ड तय नहीं होने के कारण चाहे वहां घनी आबादी व आने-जाने का व्यस्ततम मार्ग हो, तब भी वहां पर 120 वाट की एलईडी लगाने का कोई प्रावधान कंपनी द्वारा नही किया गया है जबकि इन स्थानों पर पूर्व में 250 वाट की लाईटे लगी हुई थी जिससे शहर में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था थी। परिषद सभापति प्रेमशंकर सांखला ने कंपनी प्रतिनिधि जितेन्द्र सुमन से धानमंडी व काॅलेज रोड़ जो कि बारां शहर का सबसे अति व्यस्ततम मार्ग है एवं यहां पर निरंतर साधनों की आवाजाही बनी रहती है, वहां पर 120 वाट की एलईडी लगाने के लिए कहा लेकिन कंपनी द्वारा वहां पर 45 वाट की एलईडी लगाकर अपनी मनमानी की।

नगर परिषद बारां में उक्त एलईडी लाईटों के बंद होने तथा मरम्मत के लिए केवल एक टीम तैयार की गई है जो प्रतिदिन अनुमानतः 20 एलईडी लाईट ही ठीक कर पाती है जबकि आए दिन कंपनी द्वारा लगाई गई एलईडी लाईटें खराब हो रही है जिसके कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी को कम से कम बारां नगर परिषद के 11 गांवों सहित जिला मुख्यालय पर लगी हुई लगी हुई एलईडी लाईटों की मरम्मत के लिए 10टीमें तैयार करनी चाहिए जिससे नगर परिषद क्षेत्र में बंद एलईडी लाईटस को अतिशीघ्र चालू किया जा सके।

गौरव शर्मा ने बताया कि ईईएसएल कंपनी के अनुबंध में स्पष्ट उल्लेखित है कि कंपनी सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था संबंधित शिकायत के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी करेगी, जिस पर आमजन अपनी शिकायत दर्ज करा सकें लेकिन कंपनी द्वारा 18 माह गुजर जाने के उपरान्त भी अभी तक ऐसा कोई टोल फ्री नंबर जारी नही किया गया है, जबकि अनुबंध में एक बंद लाईट या एक बंद प्वाइंट 48 घंटे के अंदर चालू नही होता है तो कंपनी पर प्रतिदिन 25 रूपए प्रति प्वाइंट शास्ति लगायी जाएगी। लेकिन आयुक्त द्वारा अभी तक कंपनी के भुगतान में से किसी प्रकार की कटौती नही की गई है। वर्तमान में विद्युत विभाग द्वारा बारां शहर में नगर परिषद के लगे हुए एक हजार से 1100 प्वाइंट पूर्ण रूप से बंद बताए जा रहे है।

अनुबंध पत्र के क्रमांक संख्या-15 के परिशिष्ट-1 में स्पष्ट उल्लेख है कि बारां शहर की जितनी भी सार्वजनिक रोड़ लाईट की व्यवस्था है, उन पर अनुबंध की दिनांक से 15 सप्ताह के अंदर एलईडी लाईटे लगाकर चालू करनी है, लेकिन 18 माह गुजर जाने के बाद भी बारां शहर में अभी तक कंपनी द्वारा 50 प्रतिशत एलईडी भी नही लगाई गई हेै जिससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शर्मा ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में कंपनी द्वारा 6200 स्थानों पर एलईडी लाईटस लगाए जाने के लिए स्थान चिन्हित किए गए थे, जिसमें से अभी तक केवल मात्र 3500 स्थानों पर लाईटस लगाई गई है तथा शेष स्थान पर नही लगाई गई है जबकि अनुबंध अनुसार कंपनी को समस्त 6200 स्थानों पर 15 सप्ताह के अंदर लाईटस लगानी थी। इतना ही नही जहां पर पुरानी लाईटस बदली गई है वहां पर कंपनी द्वारा पहले से लगी हुई कीमती लाईटों को ओने-पोने दामों पर लिया गया है जबकि इनकी लागत वर्तमान में दो करोड़ के आस-पास है। गौरव शर्मा ने कहा कि कंपनी के साथ राज्य स्तर पर किए गए अनुबंध में बडी मात्रा में घोटाला किया गया है जिससे सरकार को करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है। अतः इस कंपनी के साथ जिन अधिकारियों/जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुबंध किया गया है, उनकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। बारां शहर में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिए नगर परिषद बारां द्वारा 50 लाख का टेण्डर जारी कर नए स्थान चिन्हित किए गए जहां पर सार्वजनिक प्रकाश की आवश्यकता थी। वहां पर परिषद द्वारा विद्युत पोल एवं तार भी लगवाए जा चुके है लेकिन फिर भी कंपनी द्वारा इन पर एलईडी लाईटस नही लगाई है।

पार्षद गौरव शर्मा ने बताया कि आगामी समय में बारां जिला मुख्यालय पर हाड़ौती का प्रसिद्व ऐतिहासिक डोल मेला आयोजित होने वाला है तथा सार्वजनिक प्रकाश की व्यवस्था सुदृढ नही होने के कारण आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पडेगा। शर्मा ने बताया कि परिषद बोर्ड क्योंकि बिना कंपनी के एक बल्ब भी नही लगाया जा सकता तथा ना ही किसी प्रकार की लाईटस की मरम्मत आदि का कार्य करवा सकता है। तत्कालीन आयुक्त द्वारा कंपनी के साथ किए गए अनुबंध के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था संबंधित सम्पूर्ण कार्य कंपनी के द्वारा ही सम्पन्न किये जायेंगेे, लेकिन कंपनी की अकर्मण्यता के कारण शहरवासी इसका खामियाजा भुगत रहे है तथा आधे से अधिक स्थानों पर अभी तक कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तो के अनुसार एलईडी लाईटस नही लगाई गई है। पार्षदों द्वारा 26 अगस्त को आयोजित बोर्ड बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए आयुक्त से कंपनी के खिलाफ अनुबंध की शर्तो की पालना नही किए जाने पर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।

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