सामान्य वर्ग के सिर्फ 19 प्रतिशत ही बने शिक्षक!

पंचायतीराज विभाग द्वारा आयोजित ग्रेड थर्ड सेकंड लेवल की भर्ती में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। भर्ती में सामान्य वर्ग के सिर्फ 19 प्रतिशत अभ्यर्थी ही शिक्षक बन पाए हैं। जबकि आरक्षित पदों के साथ-साथ अपनी योग्यता के आधार पर 81 प्रतिशत अभ्यर्थी अन्य वर्ग से शिक्षक बने हैं। इनमें से भी अकेले अन्य पिछड़ा वर्ग के 44 प्रतिशत अभ्यर्थी शिक्षक का पद पाने में कामयाब हुए है। सरकारी नौकरियों में अभी 49 प्रतिशत आरक्षित व 51 प्रतिशत पद अनारक्षित है।

शिक्षक भर्ती में मेरिट में चयनित अभ्यर्थियों में से पदों के मुताबिक नौकरी पाने वालों की सूची की पड़ताल करने पर यह तथ्य सामने आया है। परिणाम घोषित होने से लेकर पोस्टिंग देने तक अभ्यर्थियों में यह बात जानने की उत्सुकता बनी हुई थी कि किस वर्ग के कितने अभ्यर्थियों को पद हासिल हुए हैं। जो परिणाम सामने आया उसमें कोई अभ्यर्थी नौकरी पाने में एक कदम दूर रह गया तो कोई दो और तीन कदम ही दूर रहा।

मुख्य तौर पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को शुरू में ऐसा लगा कि 1291 में से 658 पदों पर उनकी किस्मत रंग ला सकती है लेकिन कई अभ्यर्थियों के नौकरी लगने के सपने चकनाचूर हो गए और सभी विषयों को मिलाकर सामान्य वर्ग के 658 में से केवल 245 अभ्यर्थी ही शिक्षक बन पाए।

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आरक्षित वर्ग के अनेक अभ्यर्थियों के कट ऑफ मा‌र्क्स सामान्य वर्ग के बराबर आए। लिहाजा नियमानुसार उन्हें सामान्य वर्ग में शामिल किया गया। यानि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सामान्य वर्ग के 413 पद खा गए। भर्ती में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों ने बाजी मारी और इस वर्ग के 572 अभ्यर्थी आरक्षित पदों के साथ-साथ अपनी योग्यता के आधार पर शिक्षक बनकर पोस्टिंग पा गए।

साइंस-मैथ्स, सामाजिक अध्ययन, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत व उर्दू विषयों में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी ही आगे रहे। उर्दू जैसे विषय में भी सामान्य वर्ग के जहां 4 शिक्षक बने वहीं पिछड़ा वर्ग के 9 अभ्यर्थी शिक्षक बनने में कामयाब हुए। जिला परिषद ने स्वीकृत पदों के विपरीत दोगुने अभ्यर्थियों को मेरिट में शामिल कर मूल कागजात सत्यापन करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

कागजात सत्यापन के बाद जिला परिषद ने मेरिट से मंजूर पदों के आधार पर शिक्षकों को ब्लॉक का आवंटन कर दिया। ब्लॉक में प्रधान व विकास अधिकारियों ने स्कूलों में रिक्त स्थान के आधार पर शिक्षकों का उनमें पदस्थापन कर दिया।

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