सिंचाई विभाग ने यूआईटी सचिव को लिखा पत्र
आज़ाद नेब / भीलवाड़ा 10 अक्टूबर ः पानी के अभाव में लम्बे समय से अनुपयोगी पड़ी नहरों पर अतिक्रमण कर उन्हें बन्द कर देने के मामले कुछ सिंचाई विभाग ने गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर और नगर विकास न्यास से अतिक्रमण हटाने और साफ-सफाई की गुहार की है ताकि मेजा बांध के पानी का उपयोग सिंचाई में हो सके।
सिंचाई विभाग के अधिकारी एन.के.बड़वान ने बताया की भीलवाड़ा शहर के 9 किलोमीटर की परिधि में मेजा बांध की नहरों और सब नहरों पर अतिक्रमण हो गया है या उन्हें नाले में तब्दील कर दिया गया है। मेजा बांध में पिछले कुछ सालों से सिंचाई के लिए नहरों से पानी सप्लाई नहीं किया गया। इसके चलते भीलवाड़ा शहर से गुजरने वाली मुख्य नहर की सब नहरों पर अतिक्रमण कर लिया गया है और कई जगह तो नहरें बन्द कर दी गई है। गांधीनगर, जवाहर नगर, जाटों का खेड़ा, बीलिया, आटूण, तिलकनगर, हरणी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सब नहरों को या तो पाट दिया गया है या उन पर निर्माण कर दिया गया है जिससे सिंचाई वाले क्षेत्रों में अब मेजा बांध का पानी पहुंचना टेडी खीर हो गया है।
एन के.बडवान ने बताया कि सिंचाई विभाग की ओर से नगर विकास न्यास सचिव को अब तक इस संबंध में दो पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने और नहरों की साफ सफाई कराने की मांग की है। लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग की नहरों पर अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जायेगी। ताकि किसानों को पानी पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि मेजा बांध नहरें खोलने के लिये जल्द ही बैठक होगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला कलेक्टर के अवकाश से लौटने पर इन दोनों पर चर्चा की जायेगी।