जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान् में कार्यशाला प्रारम्भ

bikaner samacharबीकानेर, 16 अक्टूबर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान् में दो दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला रविवार को जिला परिषद सभागार में प्रारम्भ हुई।

इस कार्यशाला का विषय ष्।ूंतमदमेेए ब्वंबीपदह ंदक डमदजवतपदह च्तवहतंउउमेष् था। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री गोर्वधन बाढदार मौजूद रहे तथा अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) राधामोहन चतुर्वेदी ने की। इस कार्यशाला में बीकानेर जिले के अलावा चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, अजमेर, सीकर, झुंझुनंू जिला मुख्यालय से न्यायिक अधिकारीगण, प्रशिक्षु न्यायिक मजिस्ट्रेट, अधिवक्तागण, विधि विद्यार्थी व सभ्य पक्षकारों ने भी भाग लिया।

मास्टर ट्रेनर अजमेर के बालकिशन गोयल, सीकर के नीरज कुमार भारद्वाज तथा जोधपुर की श्रीमती प्रमिला आचार्य ने विषय के विभिन्न बिंदुओं से संबंधित जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर्स द्वारा स्लाइड प्रेजेन्टेशन के माध्यम से मध्यस्थता गतिविधियों की वर्तमान में आवश्यकता व उपयोगिता के बारे में विस्तृत चर्चा की गई तथा पक्षकारों में समझौते द्वारा प्रकरण निस्तारण करने पर बल दिया गया। प्रतिभागियों को मध्यस्थता के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

न्यायाधिपति श्री बाढदार ने बताया कि न्यायालयों में मामलों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए मध्यस्थता के जरिये प्रकरण का निस्तारण एक उत्तम माध्यम है, जिससे पक्षकारों के धन व समय की बचत होती है तथा दोनो पक्षों को त्वरित न्याय मिलता है। साथ ही अनावश्यक रूप से बढ़ते मुकदमों की संख्या में कमी आती है। श्री राधामोहन चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान समय में राजीनामे द्वारा प्रकरण का निस्तारण एक उचित व सरल माध्यम है, जिसमें कम समय में दोनो पक्षों को उचित न्याय मिलता है तथा साथ ही साथ दोनों पक्षों की प्रकरण में विजय होती है और आपसी मनमुटाव राजीनामें द्वारा समाप्त होता है।

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