जलदाय विभाग सहित स्वायत्त शासन विभाग और राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना विभाग के उच्चाधिकारियों बीच चल रहा है मंथन।
जयपुर, 17 अक्टूबर। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी जयपुर शहर के जल वितरण की कमान जल बोर्ड को सौंपने का मानस बना रही हैं। इस बारे में उन्होंने सोमवार को दो अन्य विभागों के शासन सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत चर्चा की।
शासन सचिवालय में आयोजित इस बैठक में जयपुर शहर की जल वितरण व्यवस्था को अन्य राज्यों की तरह जल बोर्ड के हाथों में सौंपने पर उच्चाधिकारियों के साथ मंथन किया गया। अगर बोर्ड का गठन होता है तो जल वितरण व्यवस्था के संचालन की जिम्मेदारी जल बोर्ड के जिम्मे आ जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले दिनों में बड़े शहरों में जल व्यवस्था को स्वायत्त शासन विभाग ही देखेगा। उल्लेखनीय है, भोपाल, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में शहरी जल व्यवस्था को जल बोर्ड ही संचालित करता है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि शहर के बाशिंदों को गुणवत्तायुक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए यह व्यवस्था लागू की जा सकती है। इस व्यवस्था के तहत शहर के एंट्री पॉइंट तक पानी जलदाय विभाग ही पहुंचाएगा, उसके बाद की वितरण व्यवस्था जल बोर्ड ही देखेेगा। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड के गठन पर अभी स्वायत्त शासन विभाग, राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना विभाग और जलदाय विभाग के अन्य अधिकारियों से बातचीत कर प्रायोगिक परेशानियों के संबंध में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बारे में शीघ्र ही फैसला कर लिया जाएगा।
बैठक में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जेसी महान्ति, स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव श्री मंजीत सिंह और राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना निदेशक श्री प्रीतम बी. यशवंत के अलावा जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता श्री डीएम जैन सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
देवास पेयजल परियोजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न
जयपुर, 17 अक्टूबर। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वारी ने सोमवार को राज्य के राजसंमद जिले में पेयजल संकट दूर करने के लिए चल रहे देवास तृतीय और चतुर्थ चरण परियोजना की बैठक लेते हुए प्रगति कार्य की समीक्षा की।
शासन सचिवालय में आयोजित इस बैठक में वैपकोस कंपनी के मुख्य अभियंता श्री एच.एस. संधू और परियोजना निदेशक श्री वी.एन. सिंह उपस्थित रहे। इस प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में लगभग एक हजार मिलियन क्यूबिक फीट की भराव क्षमता के दो बड़े बांध बनेंगे और पानी को करीब 82 किमी लंबी पाइप लाइन के जरिए राजसमंद झील तक ले जाया जाएगा। परियोजना के लिए आवश्यक विद्युत के लगभग 25 प्रतिशत (लगभग 4 मेगावाट) तक विद्युत उत्पादन प्रस्तावित है।
बैठक में परियोजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए प्रगति की जानकारी ली गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि परियोजना रिपोर्ट पर विभाग की तकनीकी समिति में चर्चा कर अग्रिम कार्यवाही की जाए।
बैठक में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जेसी महान्ति, मुख्य अभियंता श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता श्री डीएम जैन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री ललित करल सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।