अपनी पहचान संस्कृति से ही है- गौतम सम्राट

img_20161224_174116कोटा- सभ्यता व संस्कृति को युवा पीढी तक जोडने का कार्य पूज्य पंचायतों, सामाजिक संस्थाओं से मिलकर करना है एवं अपनी पहचान संस्कृति से है ऐसे उद्बोधन भारतीय सिन्धु सभा की ओर से दो दिवसीय सामाजिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के स्वामी विवेकानन्द विद्या निकेतन में उदघाटन सत्र में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान प्रभारी गौतम सम्राट ने प्रकट किये। प्रदेष संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि राज्यभर में सात अभ्यास वर्गों का आयोजन किया जा रहा है।संगठन की ओर से षहीद हेमू कालाणी के 75वें बलिदान दिवस व सिन्धी भाषा की संविधान की अनुसूची में सम्मिलित होने के स्वर्णजयन्ती वर्ष के आयोजनों की जानकारी दी।
पं.जयदेव षर्मा ने आर्षीवचन देते हुये कहा कि सत्त अभ्यास ही सफलता की पूंजी है और मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया।
महासचिव नरेष कुमार टहिल्हयाणी ने बताया कि षिविर में सभांग में कोटा बून्दी झालावाड के 217 प्रतिनिधि सम्मिलित हुये। संभाग प्रभारी मूलचंद तलरेजा, गोपालदास माधवाणी, लधाराम ग्वालाणी ने भी सम्बोधित करते हुये ऐसे अभ्यास वर्ग से कार्यकर्ताओं को जोकर संगठन की प्रेरणा मिलती है। मंच का संचालन प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया।
कार्यक्रम का ष्षुभारंभ भारत माता, ईष्टदेव झूलेलाल, सिन्ध के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन से किया गया। स्वागत भाषण महानगर अध्यक्ष चन्द्रप्रकाष खूबचंदाणी ने दिया।
प्रथम सत्र में राजस्थान के पूज्य सिन्धी पंचायतों के पुष्कर में आयोजित सम्मेलन में 21 घोषणा पत्र पर विस्तृत चर्चा की गई जिसमें प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी (अजमेर)ने बताया कि राज्य भर में पंचायतों की ओर से सहयोग दिया जा रहा है । सत्र का संचालन हरीप्रकाष पंजवाणी ने किया। कोटा के सतीष गोपलाणी, जयकुमार चंचलाणी, राम हरिरमाणी, मोहनलाल टहलियाणी, बून्दी के बलराम, झालावाड के बंसीलाल ने भी विचार प्रकट किये।
सां़स्कृतिक कार्यक्रम आत्माराम, विजय मटाई ने अपनी टोली के साथ प्रस्तुत किया।
कल 25 दिसम्बर को सत्र के पष्चात् दोपहर 11य30 बजे से समापन सत्र होगा।

(नरेष कुमार टहिल्याणी)
9352290580

error: Content is protected !!