राजस्थानी साज और आवाज की अनूठी जुगलबंदी

01बीकानेर, 14 जनवरी। देश-विदेश में विख्यात जैसलमेर के कुटले खां मांगणियार ने राजस्थानी व पाश्चात्य संगीत के सामंजस्य तथा लोक नृत्यों से 24 वें ऊंट उत्सव में समां बांध दिया। राजस्थानी साज व आवाज की जुगलबंदी तथा मनमोहक कालबेलिया और भवई नृत्य से देशी-विदेशी सैलानी झूम उठे। सैलानियों ने करतल ध्वनि व ’’वाह’’ कहकर सांस्कृतिक संध्या की सराहना की।

डॉ.करणी सिंह स्टेडियम में लोकसंगीत संध्या का आगाज कुटले खां द्वारा संगीतबद्ध बांसुरी व कमायचा की जुगलबंदी से हुआ। पहली प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध हुए श्रोता करीब डेढ़ घंटें तक राजस्थानी संगीत के सागर में खोए रहे। विश्व के करीब 100 देशों में अपने फन के माध्यम से मरु प्रदेश का नाम रोशन करने वाले कुटले खां ने राग मांड पर आधारित गीत’’ केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे’ देश, के बाद राजस्थानी कम्पोजिशन ’’ राजस्थान म्हारो रंग रंगीलों’ पेश कर उपस्थितजनों को करतल ध्वनि के लिए मजबूर कर दिया। राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, कला व संस्कृति तथा वीरों की कुर्बानियों से साक्षात्कार करवाने वाली इस प्रस्तुति में पाश्चात्य वाद्यवृंद में सैक्सोफोन, की पैड के साथ पारम्परिक वाद्य यंत्र बांसुरी, कमायचा, सारंगी, मोरचंग व खड़ताल का भी बेहतरीन उपयोग किया गया।

एम.टी.वी. के कोक स्टूडियों व सोनी टी.वी.में अपने स्वरों के जादू के माध्यम से इनाम प्राप्त करने वाले कुटलेखां की करीब एक दर्जन कलाकारों की टीम ने सूफी कलाम ’’दमादम मस्त कलंदर’, कव्वाली ’’छाप तिलक’’ की प्रस्तुति दी। इसी दल के बीकानेर में अनेक बार अपनी प्रस्तुति के दम पर दर्शकों के दिल जितने वाले अन्नू सोलंकी ने जनानी वेश में ’’होलिया में उड़े रे गुलाल’’ आदि आधा दर्जन गीतों के साथ नृत्य कर सराहना बटोरी।

कार्यक्रम का एक आकर्षण कालबेलिया नृत्य था। जोधपुर की मोहनी बाई व पार्टी की कलाकार चंदा, सुशीला, दरिया व पपिया सपेरा ने नागिन सी बल खाते हुए नृत्य के साथ मुंह से अंगूठी व नोट उठाने आदि के करतब कर करतल ध्वनि बटोरी। बीकानेर की युवा कलाकार मानसी सिंह पंवार ने एक दर्जन से अधिक राजस्थानी गीतों के मुखड़ों के साथ गजब सामंजस्य बिठाते नुकीली कीलो, कांच के टुकड़ों व नंगी तलावारों पर नृत्य कर खूब वाह-वाही लूंटी।

सीलवा, नोखा के कुलरिया परिवार के सहयोग से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में जिला कलक्टर वेद प्रकाश, अतिरिक्त कलक्टर नगर शैलेन्द्र देवड़ा, नगर विकास न्यास के सचिव महेन्द्र सिंह, पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक भारती नैथानी सहित अनेक प्रशासनिक व पुलिस तथा सेना के अधिकारी मौजूद थे। कलाकारों का परिचय संजय व्यास, ज्योति प्रकाश रंगा ने दिया।

अग्नि नृत्य आज- ऊंट उत्सव के अंतिम दिन रविवार को राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या में अलवर, टोक, जोधपुर, फलौदी, भरतपुर व बीकानेर के कलाकार प्रदेश की सांस्कृतिक छटा से सैलानियों को रूबरू करवाएंगे। सांस्कृतिक संध्या में बाद विश्व में लोकप्रिय बीकानेर की थाती जसनाथी सम्प्रदाय की स्तुति वंदना के रूप में ’’अग्निनृत्य’ व उसके बाद आतिशबाजी होगी।

विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम
जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऊंट उत्सव के प्रथम दिन हुई मिस मरवण प्रतियोगिता में सुश्री लाड कंवर भाटी प्रथम,सुश्री कनक राठौड़ द्वितीय तथा ज्योति राजपुरोहित तृतीय रही। मिस बीकाणा में संदीप राठौड़ प्रथम, ओशो जिज्ञासु व रविन्द्रजोशी द्वितीय तथा शिवकुमार रंगा तृतीय रहे। ऊंट सजावट में स्वरूप देशर के लक्ष्मण राम, कोडमदेसर के भावल खां व बशीर खां, ऊंट नृत्य में प्रभु सिंह, भागीरथ ढाका व हनुमान सिंह के ऊंटों ने पहले तीन स्थान हासिल किए। फरकटिंग में अक्कासर के रामलाल, स्वरूप देसर के गोविंदराम व भोळासर के मोहन सिंह ने प्रथम,द्वितीय वतृतीय स्थान प्राप्त किया।

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