राजकीय सेवा में समायोजन उपरान्त भी प्रार्थीगण सेवाकाल के दौरान बकाया समस्त परिलाभ प्राप्त करने का अधिकारिणी एवं समायोजन के समय वेतन स्थिरीकरण के उपरान्त कार्यमुक्ति की दिनांक को ग्रेच्यूटी की राशि तथा अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि मय ब्याज सहित भुगतान के आदेष
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)
जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर के पीठासीन अधिकारी श्री रामसिंह मीना ने प्रार्थीगण श्रीमती कल्पना जैन, श्रीमती पुष्पा निगोतियां, श्रीमती शषि कला पारीक, श्रीमती अरूणा माहेष्वरी, श्रीमती इफ्फत फातिमा, श्रीमती मीनू शर्मा, शान्ति लाल जैन, बाबूलाल शर्मा, श्रीमती सरोज गुप्ता एवं श्रीमती गरिमा जैन की प्रार्थना स्वीकार कर अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, श्री पदमावती जैन बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल एवं प्रबन्ध समिति, श्री जैन कन्या षिक्षा प्रचारणी समिति, जयपुर को आदेषित किया कि प्रार्थीगण को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण करते हुये बकाया वेतन के अन्तर की राषि का भुगतान, वरिष्ठ एवं चयनित वेतनमान का का लाभ, 9, 18, 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर एसीपी का लाभ, चयनित वेतनमान का लाभ, राजकीय सेवा में समायोजन के समय देय मंहगाई भत्ते की राषि, नियमानुसार देय अन्तिम वेतन के आधार पर संगणना कर उपदान की राषि एवं कार्यमुक्ति की दिनांक को बकाया उपार्जित अवकाष के बदले नकदीकरण की राषि एवं सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित अदा करने के दायित्वाधीन पाये जाते है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीगण की नियुक्ति अप्रार्थी संस्था में विभिन्न पदों (अध्यापक/व्याख्याता/वरिष्ठ अध्यापक/कनिष्ठ लिपिक/चतुर्थ श्रैणी कर्मचारी) पर नियमानुसार चयन प्रक्रिया अपनाये जाने के पश्चात् हुई थी तत्पश्चात् प्रार्थीगण को उक्त पदों पर स्थायी किया गया। प्रार्थीगण को राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, 2010 के अनुसार राज्य सरकार की सेवा में आमेलन/ नियुक्ति होने के कारण अप्रार्थी संस्था से दि0 30-6-2011 को कार्यमुक्त किया गया। प्रार्थीगण द्वारा अप्रार्थी संस्था में अपनी सेवायें सम्पूर्ण निष्ठा के साथ ईमानदारीपूर्वक दी गई। प्रार्थीगण द्वारा अप्रार्थी संस्था से उपरोक्त लाभ प्रदान करने के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत किये परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रार्थीगण ने इससे पीड़ित होकर अपने अधिवक्ता डी.पी. शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त लाभ दिलाने का निवेदन किया। प्रार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है यह संस्था 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान की राशि भी प्राप्त करती रही थी। लेकिन राज्य सरकार में आमेलन / नियुक्त के समय प्रार्थीगण को राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 के नियम 82 के अनुसार उपदान की राशि तथा खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि नियम, 1993 के नियम 51 के अनुसार नहीं दी गई। उनके कार्यमुक्त होने से पूर्व राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 का लाभ दिनांक 1-9-2006 से राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 के अनुसार के अनुसार 10 वर्ष व 8 वर्ष की सेवायें पूर्ण करने पर वरिष्ठ एवम् चयनित वेतनमान का लाभ व राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार 9, 18, 27 वर्ष की सेवायें पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ दिये जा चुके थे। प्रार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 की धारा 29 व राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम, 1993 के नियम 34 के अनुसार प्रार्थीगण अप्रार्थी संस्था में अनुदानित पद पर होने के कारण राज्य कर्मचारियों के समान उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी थे। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त लाभ नियमानुसार ब्याज सहित प्रार्थीगण को अदा करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।
डी.पी. शर्मा
एडवोकेट
मो.नं. 9414284018