ऐंकरिंग के लिए वाणी में मधुरता और विचारों में संयम जरूरी

Untitledबाड़मेर 02 मार्च
आओ ऐंकर बने कार्यक्रम का निषुल्क प्रषिक्षण षिविर राजकीय बालिका छात्रावास माध्यमिक में हो रहा है। तारा चैधरी ने बताया कि आज के आओ ऐंकर बने प्रषिक्षण षिविर का आयोजन आईएएस देवीलाल भादू के मुख्य आतिथ्य एवं डाॅ. बी.डी. तातेड़ की अध्यक्षता एवं खीयाराम भादू के विषिष्ठ आतिथ्य में किया गया।
आओ ऐंकर बने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नवचयनित आईएएस देवीलाल भादू ने आओ ऐंकर बने कार्यक्रम की प्रषंसा करते हुए कहा कि एंकरिंग के लिये वाणी में मधुरता और विचारों में संयम जरूरी है। वाणी ऐसी होनी चाहिए जो दुख में औषधी का काम करें, सुख में मिठास दे, प्रेरणा दे। इस क्षैत्र में सफलता हासिल करने के लिए अध्ययन एवं अनुभव दोनों की जरूरत होती है। छात्रावास अधीक्षक तारा चैधरी द्वारा आयोजित किये जा रहे इस प्रषिक्षण षिविर के माध्यम से बालिकाओं को ऐंकर बनने की पहली सीढी तैयार करने का बखूबी मौका मिल रहा है जो एक सराहनीय पहल है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए षिक्षाविद् डाॅ. बी.डी. तातेड़ ने ऐकरिंग थार नगरी छुपी हुई प्रतिभाओं को एंकरिंग के माध्यम से मंच पर लाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि खीयाराम भादू ने कहा कि एकरिंग संबंधी प्रषिक्षण बाड़मेर की प्रतिभाओं के लिए एक वरदान से कम नही है। वास्तव में बाड़मेर में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्हें जरूरत है केवल तराषने की और उन्हें मंच पर लाने की और ये कार्य आओं ऐंकर बने इस प्रषिक्षण षिविर के माध्यम से की जा रही है।
तारा चैधरी अधीक्षक राजकीय बालिका छात्रावास द्वारा इस निःषुल्क प्रषिक्षण षिविर के बारे विस्तार से जानकारी दी गई। अंत में जगदीष भादू द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रक्षिषु ऐंकर विद्या भादू एवं सविता चारण द्वारा किया गया।

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