पेंथर के खोफ से भयभीत ग्रामीण, प्रशासन बना लाचार

20170408_114005मेनार।
वल्लभनगर उपखंड क्षेत्र के मजावड़ा और गुपड़ी ग्राम पंचायत के गांवों में पिछले कई दिनों से आबादी क्षेत्र में पैंथर के विचरण करने से ग्रामीणों में भय है। वहां के ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ पहले भी कई मवेशियों को अपना शिकार बना चुका हैं।
और पूर्व में भी दो पेंथर को माइन्स से पकड़ कर वन विभाग की टीम ले गई थी। एक बार फिर शनिवार को मार्बलों के ढेर पर पेंथर को एक किसान द्वारा देखा गया इसकी सूचना मिलते ही गांव में दशहत फ़ैल गई।
उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर बसे मजावड़ा और गुपड़ी ग्राम पंचायतों के बिछावेड़ा , कालीघाटी , पाण्डूमाता के पिछे खाखरिया तलाई , मन्देरिया और जसपुरा गाँवों में माइन्स मालिकों द्वारा डाले गऐ पत्थरों के ढेर से बनी गुफाएँ पेंथर के लिए घर का कार्य कर रही है । जिसमें वह सुरक्षित महसूस करता हैं और उसमें छिप जाता हैं ।ग्रामीणों ने बताया कि पैंथर आए दिन यहां ग्रामीणों की बकरियों व मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है। रात के समय वह आबादी क्षेत्र में कई बार आ चुका है।सोमवार रात्रि गांव के एक किसान ने पैंथर को माइन्स के बाहर लगाए गऐ पत्थरों के ढेर पर देखा।तो किसान की तो सिटी पिटी ही गुम हो गई और जैसै तैसे जान बचाकर भागा।
इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने वन विभाग को भी सुचित किया और यहाँ तक कि उपखंड अधिकारी से भी मार्बलो के ढेर हटावाने के लिए लिखा गया लेकिन कोई सुध लेने वाला तक नहीं ।

यहाँ तक कि स्कूल के बच्चों में भी डर बना हुआ हैं। कई बच्चे तो डर से स्कूल तक नहीं जा रहे हैं ।इसके साथ ही अध्यापकों को भी भय सता रहा हैं कि कहीं किसी बच्चे के साथ कोई अनहोनी नहीं हो जाए। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिछावेड़ा के प्रधानाध्यापक ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए इस वाकया को स्कूल के प्रधानाचार्य ने बयान किया हैं।
जिन माइन्स वालों ने पत्थरों के ढेर लगा रखे हैं ।उनमें पेंथर रहते हैं । इस बात का उन माइन्स में कार्य करने वालो ने भी कबूल किया है कि उसने भी यहाँ कई बार पेंथर को माइन्सो से निकाल कर डाल रखे पत्थरों के ढेर पर जाते हुए देखा हैं ।
इन माइन्सो में रहने वाले चोकीदार के लिए पेंथर से बचाव के लिए माइन्स मालिकों ने अलग ही सुविधा कर रखी हैं ।जी हाँ ये चोकीदार रात कॅ एक लोहे के मजबूत पिंजरे में रहता हैं ।पिंजरे में ही एक खाट लगा रखा हैं उस पर सोता हैं ।
अब तो आसपास के आबादी क्षेत्र में रात्रि को पैंथर के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों के अनुसार अब तक मवेशियों का शिकार कर लिया है।संपर्क कर जानकारी लेने पर महेन्द्र सिंह गुपड़ी सरपंच , मजावड़ा ग्राम पंचायत के वार्डपंच ओनार सिंह व ग्रामीणों ने सभी तथ्यों को स्वीकार करते हुए मीडिया के माध्यम से प्रशासन को चेतावनी दी हेकि पूर्व दर्जनों मवेशियों का शिकार किया जा चूका हें साथ ही मनुष्यों पर अटेक भी करने की संभावनाएँ बनी रहती हैं जिससे ग्रामीण खोफ मे हैं । प्रशासन ने समय रहते समस्या निराकरण नहीं करवाया तो आन्दोलन किया जाएगा जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
इनका कहना है—” पहले भी यहां पर पैंथर को माइंस में पानी पीते समय गिर गया था ।जिसे पकड़ा गया । अभी भी दूसरे लंबे समय से माइंस से निकली हुई वेस्टेज माल का सही निस्तारण नहीं होने की वजह से यहां पर आए दिन बकरियों एवं राहगीरों को शिकार बनाता है जिससे पल-पल जान का खतरा मंडराता है प्रशासन एवं वन विभाग की टीम को अवगत कराने के बावजूद भी अभी तक तो कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।”
महेंद्र सिंह सरपंच ,ग्राम पंचायत गुपडि

2″ यहां पांडू माता मंदिर क्षेत्र में आए दिन राहगीरों एवं दर्शनार्थियों के साथ गायों को चराने वाले के ऊपर जान माल का खतरा हमेशा मजा आता है कई बार हमारी बकरियों को भी शिकार बना चुका है। लेकिन प्रशासन चीर निद्रा में सो रहा है।”
—ग्रामीण ,ग्राम पंचायत गुपडि ।
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“पैंथर के खौफ में ना केवल ग्रामीण ही जी रहे हैं बल्कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिछावेडा के छात्र छात्राएं भी स्कूल आने से कतराते हैं ।इसी के साथ में कई बार बच्चे स्कूल भी नहीं आते हैं”।
गोविंद सिंह शक्तावत प्रधानाध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ,विछावेड़ा

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