अधिकरण के आदेश की पालना नहीं करने पर जवाब-तलब

(राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण का मामला)
jaipur samacharजयपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के माननीय न्यायाधीश श्री महेश चन्द शर्मा ने राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण, जयपुर के आदेश दिनांक 30.05.2016 की पालना नहीं करने पर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा, चूरू व जिला शिक्षा अधिकारी, झूंझूंनु से जवाब तलब किया है। उल्लेखनीय है कि श्रीमती सुमेधा शर्मा ने राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत कर निवेदन किया कि उसकी नियुक्ति दिनांक 06.12.1979 को पंचायत समिति, उदयपुरवाटी में हुई थी तथा उसके पश्चात् दिनांक 19.09.1983 को सेवाये शिक्षा विभाग में स्थानान्तरित कर दी थी उसे 9, 18 व 27 वर्ष का चयनित वेतनमान नियुक्ति तिथि से गणना कर दिया गया परन्तु बाद में 27 वर्ष का चयनित वेतनमान का लाभ यह कहकर वापस ले लिया कि प्रार्थीया की नियमित नियुक्ति शिक्षा में नियुक्ति से मानी जावेगी इसके विपरीत प्रार्थी के अधिवक्ता डी.पी. शर्मा का तर्क था कि पंचायत समिति के द्वारा प्रार्थी की नियुक्ति को प्रथम नियुक्ति से ही नियमित माना है ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग को यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरे विभाग के आदेश में कोई खामी निकाल सके। चूंकि प्रार्थी को प्रथम नियुक्ति से ही नियमित किया गया था ऐसी स्थिति में चयनित वेतनमान का लाभ भी प्रथम नियुक्ति से देय है। अधिकरण ने 27 वर्ष का चयनित वेतनमान वापस लेने तथा रिकवरी का आदेश अपास्त कर दिया। उक्त आदेश की पालना नहीं करने पर प्रार्थी ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की और तर्क दिया कि उक्त अधिकरण को अवमानना के मामले में दण्डित करने का अधिकार नहीं है। अतः धारा 10 अवमानना अधिनियम के तहत इस न्यायालय को अवमाननाकर्ता को दण्डित करने का अधिकार है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त आदेश पारित किया।

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