“जिंदगी और कविता दोनों में तारतम्यता”

सरोज भाटी के कविता संग्रह मन का व्योम का विमोचन

Photo Vimochan 30052017 (2)बीकानेर 30 मई 2017।
मुक्ति संस्थान एवं स्वामी कृष्णानंद फाऊंडेशन बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में ढोलामारू होटल सभागार में आयोजित समारोह में अतिथियों ने सरोज भाटी के कविता संग्रह “मन का व्योम” का लोकार्पण किया । अध्यक्षता करते हुए डॉ. श्रीलाल मोहता ने कहा कि कवयित्री सरोज भाटी ने जिंदगी और कविता दोनों में तारतम्यता को साधने का सुंदर प्रयास किया है।
आगंतुकों का स्वागत करते हुए स्वामी कृष्णानंद फाऊंडेशन के अध्यक्ष हिंगलाज दान रतनू ने कहा कि बीकानेर में साहित्यिक और संस्कृति गतिविधियों के क्रम में फाऊंडेशन का सक्रिय जुड़ाव रहा है।
मुख्य अतिथि व्यंग्यकार-कहानीकार बुलाकी शर्मा ने सरोज भाटी की कविताओं में व्यंग्य के मार्मिक और तीक्ष्ण प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि यह सुखद है कि बीकानेर में महिला लेखन में विगत वर्षों में काफी सक्रियता देखी जा सकती है। अतिथि कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया ने सरोज भाटी की कविताओं को विविध वर्णी बताते हुए कहा कि जैसे जैसे कवि कविता के पथ पर चलता है उसे नई राहें और मंजिलें मिलती जाती है।
कवयित्री सरोज भाटी ने अपनी सृजन प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कविताओं के संग्रह के रूप में प्रकाशित होने की यात्रा पर विचार व्यक्त किए व संग्रह से चयनित कविताओं का पाठ भी किया। भंवर पृथ्वीराज रतनू ने कहा कि बीकानेर की धरा में कविता की अपनी एक परंपरा रही है, इस परंपरा के विकास में सरोज भाटी जैसी महिलाओं की भागीदारी कविता के विकास में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी।
कवयित्री डॉ. रेणुका व्यास ने लोकार्पित कृति पर पत्रवाचन किया । कवयित्री भाटी ने अपने संग्रह ‘मन का ब्योम’ की प्रति साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी, सरदार अली परिहार, बंसती हर्ष, ओम प्रकाश सारस्वत, मुकेश व्यास, कमल रंगा, ओम कुबेरा, प्रो. अजय जोशी, हरीश बी. शर्मा आदि को भेंट की।
कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. उषाकिरण सोनी, डॉ. मदन सैनी, मधुरिमा सिंह, मुक्ता तेलंग, मंजू कच्छावा, जाकिर अदीब, मोहन थानवी, रंगा राजस्थानी, योगेंद्र कुमार पुरोहित आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कवि कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने किया तथा कवि-कहानीकार राजाराम स्वर्णकार ने आभार ज्ञापित किया।
– मोहन थानवी

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