वेटरनरी विवि का दूसरा दीक्षांत समारोह

लैंग्वेज लैब व सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्धाटन
भारतीय संस्कृति के संवाहक बनें युवा – मेघवाल

pro deekshant samarohबीकानेर, 20 जून 17। वेटरनरी विवि के द्वितीय दीक्षान्त समाराेह में कुलपति प्राे. ए.के. गहलोत ने मंगलवार काे
पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान के 415 छात्र-छात्राओं को उपाधियाें आैर 29 को स्वर्ण पदकाें से अलंकृत किया। विश्वविद्यालय परिसर में सेना बैंड की स्वरलहरियों के बीच दीक्षांत शाेभा यात्रा के पंडाल में प्रवेश के बाद कुलपति की अनुमति से दीक्षांत समारोह शुरू हुआ। दीक्षांत समाराेह में स्नातक याेग्यता प्राप्त कर लेने वाले 326 छात्र-छात्राओं को
उपाधियां और एक काे स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। स्नातकोत्तर स्तर के 82 काे उपाधियां, 26 को स्वर्ण पदक तथा विद्यावाचस्पति उपाधि के लिए सफल 7 विद्यार्थियाें को उपाधि व 3 को स्वर्ण पदकाें से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी, जिसमें युवाओं की जिम्मेदारी अहम रहने वाली है। युवा इस जिम्मेदारी को समझें और भारतीय संस्कृति के संवाहक बने। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बीकानेर में गौ-पर्यटन की संभावनाओं पर विचार रखे। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा सोलर प्लांट की स्थापना को बेहतरीन नवाचार बताया तथा कहा कि अपनी तरह की पहली लैंगवेज लैब से विद्यार्थी अंग्रेजी के सभी पक्षों को सीख, समझ और बोल सकेंगे।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त प्रो. सुरेश एस. होनप्पागोल ने राजस्थान सरकार के द्वारा पशु पालन क्षेत्र में किए विशिष्ट कार्य योजनाओं की जानकारी देते कहा कि राजूवास के सहयोग से सभी संभागीय मुख्यालयों के पॉलिक्लिनिक पर टेलीमेडीसिन की व्यवस्था की गई है। सभी प्रयास पशुपालकों को तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा पशुचिकित्सा के आमजन के अधिकाधिक उपयोग के लिए तथा विद्यार्थियों के लिए कॅरियर की नई संभावनाओं की दिशा में अहम है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. ए. के. गहलोत ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के सात वर्षों में चहुंमुखी प्रगति की है, जिससे राजूवास को देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान मिला है। कुलपति ने कहा कि चारे-दाने की टेस्टिंग के लिए राज्य स्तरीय प्रयोगशाला बीकानेर में स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों ने गोपालन को पुनर्स्थापित करने के लिए राजस्थान की नस्लों पर आधारित विकास की योजनाएं बनाई हैं, जिससे राज्य के गोपालकों को अच्छी आय होने की संभावनाएं प्रबल हुई हैं। इससे राज्य में गौ पर्यटन का नया आयाम जुड़ा है। कुलसचिव बी. आर. मीणा भी मंच पर मौजूद थे। इस अवसर पर महापौर नारायण चौपड़ा, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी आर छीपा, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष, डीन-डायरेक्टर, बोम के सदस्य, विश्वविद्यालय स्टाफ, विद्यार्थी एवं अभिभावक सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
लैग्वेंज लैब तथा सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री मेघवाल सहित अन्य अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर में लैंग्वेज लैबोरेट्री, विश्वविद्यालय के गल्र्स हॉस्टल की नई विंग तथा सौर उर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया।
विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी का ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से एक नया भाषायी सॉफ्टवेयर खरीदा गया है। इसकी लागत 32 लाख रूपए है, जबकि इस पर प्रतिवर्ष 4.50 लाख रूपये व्यय होगा। लैब में 25 कम्प्यूटर विद्यार्थियों के लिए रखे गए हैं।
मेघवाल ने विश्वविद्यालय के गल्र्स हॉस्टल की ईस्ट विंग का उद्घाटन किया। 81 लाख रूपए की लागत से बनी इस विंग में 18 ट्रिपल सीटेड कमरे, 8 बाथरूम तथा अन्य सुविधाएं शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने केन्द्र सरकार के ग्रीन इनिशियेटिव कार्यक्रम का अनुसरण करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में 100 केवीए क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है। केन्द्रीय मंत्री ने इस प्लांट का उद्घाटन किया।
इसके तहत भवन की छतों पर सौर उर्जा के 400 पैनल लगाए गए हैं। 80 लाख रूपए की लागत से बने इस संयंत्र से 1.40 लाख यूनिट विद्युत का वार्षिक उत्पादन हो सकेगा। इनमें से 24 लाख रूपए राजस्थान नवीन उर्जा निगम लिमिटेड द्वारा तथा 54 लाख रूपए विश्वविद्यालय ने व्यय किए हैं। इस संयंत्र को इंटर ग्रिड से भी जोड़ा गया है।
—– मोहन थानवी

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