कमजोर मानसून के कारण सोयाबीन फसल पर मंडरा रहे खतरे के बादल

IMG-20170706-WA0006फ़िरोज़ खान
बारां 6 जुलाई । जिले में मौसम की बेरुखी से किसान परेशान हैं। बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाये हुये हैं। मानसून की शुरुआती बारिश के बाद फिर से समरानियां क्षेत्र में बारिश नही हुई। जिसके चलते विगत एक सप्ताह से समरानियां क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। हालांकि, कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी हो जाती है, लेकिन फसलों को लाभ पहुंचाने लायक पानी नहीं बरस रहा है। इससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। कमजोर मानसून के कारण सोयबीन की फसल पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। किसानों ने बारिश शुरू होने के बाद ही बोवनी कर दी थी। और बारिश न होने के कारण वहीं किसान आसमान की ओर देख रहे हैं। बादलों का डेरा तो रोज जमता है, लेकिन बादल बिना बरसात किए लुप्त हो जाते है। यह क्रम पिछले एक हफ्ते से देखा जा रहा है। बारिश की आस किसान करते है लेकिन बारिश नहीं हो रही है। जिले में प्राय: सभी किसानों ने बोवनी कर दी है। कुछ इलाकों में पानी अच्छा हुआ है, जहां खरीफ की फसल को फिलहाल खतरा नहीं है,लेकिन जिन इलाकों में पानी कम गिरा है वहां बोई गई फसल को खतरा उत्पन्न हो गया है। यदि दो-चार दिन में पानी नहीं गिरा तो फसल सूखने लगेगी। उल्लेखनीय है, खरीफ की फसल में वैसे ही पानी ज्यादा लगता है। यही कारण है कि बारिश के समय इस फसल को बोया जाता है और यदि अच्छा पानी गिरे तो किसान तेर जाते है, और यदि अच्छा पानी नहीं गिरे तो किसान बर्बाद भी हो जाते है। किसानों का कहना है, कि इस माह पानी अच्छा गिरना चाहिए और अगले महिनें भी। क्योंकि बारिश की दृष्टि से जुलाई व अगस्त काफी महत्वपूर्ण होते है।

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