प्रदेश में खुलने वाले 9 विश्वविद्यालयों समेत 10 विधेयक बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए। इनमें राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2012 भी पेश किया गया है। विधेयक प्रस्तुत करने के समय शेखावटी विश्वविद्यालय के नाम पर भाजपा के राव राजेंद्रसिंह और बृज विश्वविद्यालय के नाम पर राजेंद्र सिंह राठौड़ ने आपत्तियां उठाई। परंतु विधानसभाध्यक्ष दीपेंद्रसिंह शेखावत ने उनकी आपत्तियां खारिज कर दीं।
विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान भाजपा विधायक दल के उप नेता घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि सरकार 10 विधेयक पेश कर रही है। इनमें ज्यादातर वे विधेयक हैं। जिनके अध्यादेश पूर्व में ही जारी किए जा चुके हैं। सरकार से यह पूछा जाना चाहिए कि विधानसभा का सत्र शुरू होने ही वाला था, फिर ऐसे क्या कारण और परिस्थितियां बनीं जिससे सरकार को अध्यादेश जारी करने पड़े। इससे लगता है कि सरकार केवल दो ही चीजों से चलती है हाईकोर्ट का आदेश या फिर अध्यादेश। सरकार सदन चलाना ही नहीं चाहती।
महाराजा सूरजमल के नाम पर हो विश्वविद्यालय
भरतपुर में बृज विश्वविद्यालय का विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान भाजपा के सचेतक राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर रखा जाना चाहिए था। इसी तरह राव राजेंद्रसिंह ने शेखावाटी विश्वविद्यालय पर आपत्ति करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण राव शेखाजी के नाम पर होना चाहिए। उन्हीं के नाम पर क्षेत्र का नाम शेखावाटी रखा गया है।