बीकानेर, दिनांक 9.09.2017 को चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जानी है जिसमें प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से प्रयास किये जाने है।
चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु श्री राम अवतार सेानी, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि इस लोक अदालत में शीध्र व सुलभ न्याय मिलता है कोर्ट फीस की वापसी व अंतिम रूप से निपटारा, कोई अपील नहीं तथा दोनों पक्षों की आपसी सहमति से न्यायालय में विवाद दायर करने से पूर्व या न्यायालय में लम्बित विवाद को लोक अदालत में राजीनामा से सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रकरण का अंतिम निस्तारण करवाकर लाभान्वित हो सकते है।