राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और एमएनआईटी के मध्य हुआ एमओयू

मएनआईटी के छात्रों एवं शिक्षकों के लिए भी ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन एवं शोध कार्यो के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

IMG-20170908-WA0174[1]जयपुर, 09 सितम्बर। राज्य में जल सरंक्षण, जल गुणवत्ता प्रबंधन एवं अपशिष्ट जल शोधन इत्यादि क्षेत्रों में सूचना, ज्ञान, अनुभव व तकनीक के आदान-प्रदान के लिए दक्षिण ऑस्ट्रेलिया सरकार और राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस व मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) के मध्य शुक्रवार को एक अहम एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

एममएनआईटी के कैंपस मंे हुए इस एमओयू के बाद सहयोगी राज्यों में स्थित विश्व स्तरीय तकनीकी एवं अकादमिक संस्थानों को आपस में जोडा जा सकेगा। इससे संबंधित क्षेत्रों में सूचना, ज्ञान, अनुभव व तकनीक के आदान-प्रदान के लिए अध्ययन, शोधकार्य, पायलेट प्रोजेक्ट आदि का कार्य किया जा सकेगा। इस करार से एमएनआईटी के छात्रों एवं शिक्षकों के लिए भी ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन एवं शोध कार्यो के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया सरकार के मध्य नवंबर 2015 को एक सिस्टर स्टेट एमओयू किया गया था, जिसका मकसद दोनों सरकारों के बीच आपसी क्षमताओं के आदान-प्रदान के द्वारा लोगों को लाभान्वित करना है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया सरकार के सहयोग से चल रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।

एमओयू के समय दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की पूर्व जल मंत्री सुश्री कारलीन मेवाल्ड, सेंटर आइसवार्म के कार्यकारी अधिकारी श्री डेरिल डे एवं राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रमुख श्री अरूण श्रीवास्तव समेत अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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