रावण की भूमिका में अर्द्धशतक हुआ आहूजा परिवार के कलाकारों के नाम

FB_IMG_15066026260372056बीकानेर 28/9/17। बीकानेर के माधवदास आहूजा ( सिन्धी ) परिवार की तीन पीढ़ियों को दशहरे पर रावण की भूमिका निभाते निभाते 50 वर्ष हो गए। बीकानेर में पहली बार 1968 से माधवदास ने झांकियों में रावण की भूमिका निभानी शुरू की तो पूरे एक दशक तक वे ही बीकानेर दशहरा कमेटी की झांकी में रावण के रूप में छाए रहे। फिर आगामी 25 वर्षों तक उनके पुत्र तत्कालीन आयकर अधिकारी शिवाजी आहूजा ने रावण के रूप में कीर्तिमान रचा। और परिवार की परंपरा को निर्वहन करते हुए के कुमार आहूजा 21वीं सदी के आरंभिक वर्षों से रावण का किरदार निभा रहे हैं। माधवदास ने कुल 14 बार रावण का पात्र निभाया। और शिवाजी आहूजा को अब मित्रगण एवं समाज के लोग ‘जय लंकेश’ के नाम से पुकारते हैं। शिवाजी आहूजा के भतीजे व माधवदास आहूजा के पौत्र रंगकर्मी के.कुमार आहूजा ने तो रावण का किरदार निभाते हुए बच्चों को भी अपना फैन बना लिया है क्योंकि झांकियों में वे रावण के अट्टहास से डरने वाले बच्चों को मूंछे एंठते हुए प्यारे अंदाज से टॉफियां बांटते जाते हैं। उनके व्यास कॉलोनी निवास पर पहुंचने वाले कलारसिक पड़ोसी तो कुमार की पत्नी को मंदोदरी भाभी पुकारते हैं और कांता जी मुस्करा कर इस अपनेपन का मान बढ़ाती हैं। रावण का सफल अभिनय करने वाले आहूजा परिवार के इन कलाकारों के अर्द्धशतक पूरा करने पर बीकानेर दशहरा कमेटी ने भी गौरवान्वित होने की बात कही है।
— मोहन थानवी

फोटो : के कुमार आहूजा

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